अधिवक्ता महेंद्र मौर्य हत्याकांड की की कराई जाए सीबीआई जांच, पीआर मौर्य

 बार काउंसिल के पूर्व  चैयरमैन ने मृतक अधिवक्ता के परिवार से की मुलाकात

6 लाख अहेतुक  सहायता दिलाने का दिया भरोसा

जौनपुर। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व  अध्यक्ष मौजूदा सदस्य पीआर मौर्य ने कहा कि सुल्तानपुर जिले के किशुन दासपुर गांव में अधिवक्ता महेंद्र मौर्य की नृशंस हत्या बेहद ही निंदनीय है।  खेत में काम करने गए अधिवक्ता की हत्या पेशेवर शूटरों ने राजनीतिक साजिश के तहत कुछ रसूखदार लोगों के इशारे पर की है।

इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अगर सरकार सीबीआई नहीं जांच कराती तो हम इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे। और बार काउंसिल में भी मामले को रखा जाएगा।

 जिले के खुटहन क्षेत्र अंतर्गत चकफत्तेपुर निवासी

श्री मौर्य गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आधा दर्जन अधिवक्ताओं की टीम के साथ कादीपुर तहसील के किशुनदासपुर गांव निवासी मृतक अधिवक्ता के परिवार जनों से मिलकर वापस आने के बाद खेतासराय कस्बे में

 पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने घटना को सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि अधिवक्ता महेंद्र मौर्य को  मजे हुए पेशेवर शूटर द्वारा गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया। 

क्योंकि हत्या के बाद जिस प्रकार से यहां की स्थानीय पुलिस ने शव को परिजनों को सौंपने के बजाय  आनंद-फानन में जबरिया ले जाकर पोस्टमार्टम करवा दिया ।

उधर कादीपुर तहसील मुख्यालय पर अधिवक्ता साथी उनके शव को श्रद्धांजलि देने के लिए इंतजार करते रहे। लेकिन पुलिस वहां भी शव  को नहीं ले जाने  दी।

अधिवक्ता की पत्नी शकुंतला देवी, दोनों पुत्र अजय मौर्य, प्रभात मौर्य ने जब अपने पिता के शव को मांगा तो पुलिस वालों ने उनके साथ बर्बरता पूर्वक दुर्व्यवहार किया।

 बड़ी बेटी रंजना,  छोटी पुत्री भावना ने पुलिस प्रताड़ना की पूरी कहानी बार काउंसिल आप उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष व साथी अधिवक्ताओं के समझ बयान किया तो टीम में शामिल अधिवक्ताओं ने पुलिस की इस घटिया कार्य प्रणाली पर  प्रति काफी आक्रोश व्यक्त किया।

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष मौजूदा सदस्य पर पीआर मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की ओर से मृतक अधिवक्ता परिवार को पांच लाख, एक्सीडेंटल क्लेम का अलग से एक लाख और ट्रस्टी कमेटी लखनऊ अधिवक्ता हितकारी योजना के तहत दो से ढाई लाख रुपए की राशि अलग से पीड़ित परिवार वालों को बहुत जल्द  दी जाएगी।

अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने

इस पूरी घटना के लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार को दोषी माना।

 उन्होंने कहा कि सत्ता का संरक्षण प्राप्त रसूखदार माफियाओं के इशारे पर यह हत्या की गई है।

 प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिले में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई तो अपने अधिवक्ता साथी के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।

पीड़ित परिवार की सुरक्षा बेहद जरूरी

अखण्ड नगर। बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष व मौजूदा सदस्य पीआर मौर्य के साथ मृतक अधिवक्ता के घर गए प्रतिनिधि मंडल में

हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शिव शरण मौर्य,

शशांक मौर्य, प्रशांत मौर्य अन्य मौजूद रहे।

प्रतिनिधिमंडल ने महेंद्र मौर्य की पत्नी शकुंतला देवी, पुत्र अजय व प्रभात और पुत्री भावना से मुलाकात कर घटनाक्रम की जानकारी ली। परिजनों ने आरोप लगाया कि हत्या की रात पुलिस ने अमानवीय व्यवहार करते हुए बलपूर्वक शव उठवा लिया और परिजनों के साथ मारपीट की। परिजन व रिश्तेदारों ने चोट के निशान दिखाते हुए पुलिसकर्मियों पर हिंसा और अभद्रता के गंभीर आरोप लगाए।

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