ओम प्रकाश राजभर का सपा पर करारा प्रहार,बोले जातियों में संघर्ष कराती है सपा
,पंचायत चुनावों में अपनी पार्टी को दमदार भूमिका देने की बात की
जौनपुर। सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभा.पा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने वाराणसी में क्षत्रिय और राजभर समाज के बीच हुए विवाद पर बयान देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सपा का पुराना इतिहास रहा है कि वह विभिन्न जातियों के बीच विवाद पैदा कर समाज में दरार डालने का काम करती है। ओमप्रकाश शुक्रवार को जफराबाद विधानसभा के इस्माइला गांव में राजा सुहेल देव के मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा ने हमेशा जातियों के बीच संघर्ष को बढ़ावा दिया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “सपा ने इटावा में यादव और क्षत्रियों, आगरा में दलित और क्षत्रिय, और देवरिया में ब्राह्मण और यादवों के बीच संघर्ष उत्पन्न किया। अब वही काम वाराणसी में राजभर और क्षत्रियों के बीच किया गया। लेकिन लोगों ने अपनी समझदारी से इस मुद्दे को सुलझा लिया।”
राजभर ने आगे कहा कि इस बार पंचायत चुनाव में उनकी पार्टी सुभा.पा. पूरी ताकत के साथ अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और सपा, भाजपा, या अन्य दलों से कोई गठबंधन नहीं होगा।
जौनपुर में ओम प्रकाश राजभर ने अपने बयान में कहा कि पीला साफा पहनने का इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "जब आप लोग पीला साफा पहनकर दारोगा, डीएम, एसपी या डीजीपी के यहां जाते हैं तो पीले साफे में दारोगा जी को ओम प्रकाश राजभर नजर आते हैं।" यह बयान उनके व्यक्तित्व की ताकत को दर्शाता है, जहां वह राज्य प्रशासन से अपनी पार्टी की एक विशेष पहचान जोड़ने का संकेत दे रहे हैं । उन्होंने अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "अखिलेश जी हमेशा आक्रामक रहते हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने का विरोध किया, किसानों को सम्मान निधि का विरोध किया, आयुष्मान कार्ड का विरोध किया। कुछ लोग पाकिस्तान का पानी पीकर आ गए हैं, इसलिए सपा का काम हमेशा विरोध करना ही है।"
इसके अलावा, राजभर ने जफराबाद विधानसभा क्षेत्र के इस्माइला गांव में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस कार्यक्रम में महाराजा सुहेल देव की प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिसमें ओम प्रकाश राजभर और उनके पुत्र अरविंद राजभर ने भाग लिया।
गांव के ही एक राजभर परिवार ने अपने खेत की जमीन महाराजा सुहेल देव की प्रतिमा लगाने के लिए दान दी, जो इस क्षेत्र में समाज की एकता और जागरूकता का प्रतीक बना।