बच्चे बोले – "हमें हमारा स्कूल चाहिए!
सलेमपुर प्राइमरी स्कूल को बंद करने के फैसले के खिलाफ बच्चों और अभिभावकों का प्रदर्शन
जौनपुर | सुइथाकला ब्लॉक सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के फैसले ने अब गांवों में शिक्षा संकट की दस्तक दे दी है। प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर में बच्चों और उनके अभिभावकों ने गांव के स्कूल को बंद किए जाने की आशंका के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने साफ कहा कि,
"गांव का स्कूल अगर बंद हुआ तो बच्चों का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा!"
बच्चे बोले – "हमें हमारा स्कूल चाहिए!
नन्हे-मुन्ने बच्चों के हाथों में पोस्टर और नारों के साथ स्कूल परिसर में गूंज उठी एक ही मांग – “गांव का स्कूल बंद मत करो!”
बच्चों के साथ खड़े अभिभावकों ने कहा कि यदि स्कूल पेयर हुआ तो रोजाना बच्चों को दूर दूसरे विद्यालय में भेजना पड़ेगा, जो असंभव है। इससे करीब तीन दर्जन बच्चे स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो सकते हैं।
ग्रामीणों का साफ संदेश:
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपील की है कि
“विद्यालय को बंद करने की बजाय, छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। गांव के सभी माता-पिता को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों का नामांकन इसी स्कूल में कराएं।"
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग:
- ग्राम प्रधान: उमाशंकर यादव
- अध्यक्ष: राजेंद्र पाण्डेय
- उपाध्यक्ष: घनश्याम पांडेय
- प्रधानाध्यापिका: डॉ. वंदना अग्रहरि
- शिक्षा मित्र: हवलदार यादव, किरण पाल, मोनिका, महेंद्र पाल
- सैकड़ों की संख्या में अभिभावक व छात्र
ग्रामीणों का ये विरोध सिर्फ एक स्कूल को बचाने की लड़ाई नहीं, बल्कि गांव के हर बच्चे के उज्जवल भविष्य और शिक्षा के अधिकार की आवाज है। सरकार को चाहिए कि वह इन मासूमों की पुकार सुने और फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।