सेवानिवृत्त शिक्षकों के बकाया भुगतान न होने से आहत, शिक्षक दिवस न मनाने का लिया निर्णय
संगठन द्वारा इस संबंध में एक पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया है, जिसकी प्रतिलिपि संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक को भी प्रेषित की गई है।
प्रदेश संरक्षक रमेश सिंह ने बताया कि जनपद के कुल 12 सेवानिवृत्त शिक्षकों में से केवल 3 का ही विनियमितीकरण सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से भेजा गया है, जबकि शेष 9 शिक्षक महीनों से चक्कर काटने को विवश हैं। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है।
उन्होंने कहा कि ग्रांट मिलने के बावजूद अगस्त माह का वेतन अब तक जारी नहीं हुआ है। संबंधित अधिकारी वेतन बिल पर हस्ताक्षर तक करने को तैयार नहीं हैं और झूठे आश्वासन देकर शिक्षकों को टाल रहे हैं।
रमेश सिंह ने कहा—“जब हमारे सेवानिवृत्त शिक्षक अपने ही देयक पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, तो ऐसे में शिक्षक दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।”
बिना कार्यालय गये, बिना सम्बंधित बाबू की पूजा के किसी कार्यालय में कोई पञावली आगे बढ़ जाए या उसका निपटारा/ समाधान/कार्यवाही सम्पन्न हो जाये -ऐसा सम्भव नहीं लगता है। ये बातें आदरणीय मुख्यमंत्री जी/प्रमुख सचिव तक नहीं जायेंगी जब तक शिक्षकों को टेबल -टेबुल का चक्कर लगाना ही होगा। जय श्री राम -हर हर महादेव 🔥👏👏👏👏
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