सुजानगंज में अवैध रूप से संचालित अस्पताल आखिर कब होंगे सीज?
https://www.shirazehind.com/2025/10/blog-post_417.html
क्या किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है स्वास्थ्य विभाग?
सुजानगंज, जौनपुर। जनपद में आए दिन किसी न किसी अवैध अस्पताल या फिर झोला छाप डॉक्टर से मरीजों की मौत का मामला सामने आ रहा है जिसको देखते हुए जौनपुर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और लगातार ऐसे अवैध अस्पतालों के ऊपर छापा मारकर उनको सील कर रहा है। वही सुजानगंज विकास खंड क्षेत्र के चैनपुर, बेलवाल, दीपकपुर, बसरही, मुस्तफाबाद, मधुपुर, सरायभोगी सहित अन्य स्थानों पर भी दर्जनों झोला छाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री लाइसेंस के अवैध रूप से अपने अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं। इसमें वह भर्ती, ऑपरेशन से लेकर अन्य कार्यों को भी बिना किसी प्रशिक्षण या अनुभव के कर रहे हैं।
पिछले दिनों सुजानगंज के बेलवार में अवैध रूप से संचालित एक प्रतीक हॉस्पिटल कुछ चिकित्सा अधीक्षक तथा तहसीलदार की मौजूदगी में सीज किया गया था। इसके बाद सुजानगंज में संचालित अन्य अवैध अस्पतालों के ऊपर कार्रवाई शून्य हो गई थी परंतु अभी भी सुजानगंज में बड़े स्तर पर अवैध रूप से अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है जिससे यह एक बड़ा सवाल बनता है की सुजानगंज में आखिर क्यों जो बड़े स्वरुप के अवैध रुप से अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं? उन पर कठोर कार्रवाई करने से स्वास्थ्य विभाग आगे नहीं आ रहा क्या कोई राजनीतिक दबाव है। स्वास्थ्य विभाग के उपर अथवा कुछ अन्य कारण है?
इस संदर्भ में कई सामाजिक लोगों द्वारा आए दिन आरोप लगाया जाता है कि सुजानगंज में अवैध रूप से संचालित इन अस्पतालों की वजह से मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है जिससे सुजानगंज के कुलदीप मिश्रा, शुशील गिरी, सहित अन्य लोगों का कहना है कि आखिर सुजानगंज में भी अवैध रूप से संचालित अस्पताल आखिर कब सीज होंगे क्या किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है स्वास्थ्य विभाग। वही इन अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के बारे में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुजानगंज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील पांडेय ने कहा कि सुजानगंज में संचालित इन अवैध अस्पतालों को चिन्हित किया जा रहा है तथा जल्द ही इन अस्पतालों को सीज किया जायेगा।
सुजानगंज, जौनपुर। जनपद में आए दिन किसी न किसी अवैध अस्पताल या फिर झोला छाप डॉक्टर से मरीजों की मौत का मामला सामने आ रहा है जिसको देखते हुए जौनपुर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और लगातार ऐसे अवैध अस्पतालों के ऊपर छापा मारकर उनको सील कर रहा है। वही सुजानगंज विकास खंड क्षेत्र के चैनपुर, बेलवाल, दीपकपुर, बसरही, मुस्तफाबाद, मधुपुर, सरायभोगी सहित अन्य स्थानों पर भी दर्जनों झोला छाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री लाइसेंस के अवैध रूप से अपने अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं। इसमें वह भर्ती, ऑपरेशन से लेकर अन्य कार्यों को भी बिना किसी प्रशिक्षण या अनुभव के कर रहे हैं।
पिछले दिनों सुजानगंज के बेलवार में अवैध रूप से संचालित एक प्रतीक हॉस्पिटल कुछ चिकित्सा अधीक्षक तथा तहसीलदार की मौजूदगी में सीज किया गया था। इसके बाद सुजानगंज में संचालित अन्य अवैध अस्पतालों के ऊपर कार्रवाई शून्य हो गई थी परंतु अभी भी सुजानगंज में बड़े स्तर पर अवैध रूप से अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है जिससे यह एक बड़ा सवाल बनता है की सुजानगंज में आखिर क्यों जो बड़े स्वरुप के अवैध रुप से अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं? उन पर कठोर कार्रवाई करने से स्वास्थ्य विभाग आगे नहीं आ रहा क्या कोई राजनीतिक दबाव है। स्वास्थ्य विभाग के उपर अथवा कुछ अन्य कारण है?
इस संदर्भ में कई सामाजिक लोगों द्वारा आए दिन आरोप लगाया जाता है कि सुजानगंज में अवैध रूप से संचालित इन अस्पतालों की वजह से मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है जिससे सुजानगंज के कुलदीप मिश्रा, शुशील गिरी, सहित अन्य लोगों का कहना है कि आखिर सुजानगंज में भी अवैध रूप से संचालित अस्पताल आखिर कब सीज होंगे क्या किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है स्वास्थ्य विभाग। वही इन अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के बारे में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुजानगंज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील पांडेय ने कहा कि सुजानगंज में संचालित इन अवैध अस्पतालों को चिन्हित किया जा रहा है तथा जल्द ही इन अस्पतालों को सीज किया जायेगा।
सरकारी अस्पताल में जरूरी दवाइयां नहीं मिल पाती हैं ज्यादा करके डॉक्टर बाहर से दवाइयां लिख देते हैं और समय पर मिलते भी नहीं है उनका जो टाइम सुबह का आने का होता है उससे लेट आते हैं शाम को खोजने लगो डॉक्टर को 8:00 बजे रात को तो कोई भी डॉक्टर नहीं मिलेगा
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