पटाखे से उड़ा हाथ, डॉ. सिद्धार्थ ने चमत्कारिक सर्जरी कर जोड़ दी टूटी हथेली
मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के भटहर गांव निवासी विकास चौहान (25 वर्ष) पुत्र राजेन्द्र चौहान दीपावली की रात करीब आठ बजे घर के बाहर पटाखे फोड़ रहा था। इसी दौरान दुकानदार द्वारा दिया गया एक बम पटाखा हाथ में लेकर छुड़ाना उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा हादसा बन गया। पटाखा हाथ में ही फट गया, और उसके दाहिने हाथ की हथेली जोरदार धमाके के साथ उड़ गई।
धमाका इतना तेज था कि मांस और हड्डियों के टुकड़े कई मीटर दूर तक बिखर गए। परिजनों ने किसी तरह उन टुकड़ों को इकट्ठा किया और घायल युवक को स्थानीय डॉक्टरों के पास लेकर भागे। लेकिन हालत देखकर अनेक अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए।
अंततः परिजन युवक को लेकर वाजिदपुर तिराहा स्थित सिद्धार्थ हॉस्पिटल पहुंचे। उस वक्त भी हाथ से लगातार खून बह रहा था। डा. लाल बहादुर सिद्धार्थ ने त्वरित जांच के बाद युवक को भर्ती कर लिया और अगले दिन ऑपरेशन का निर्णय लिया।
करीब तीन घंटे चले जटिल ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने उड़े हुए दर्जनों मांस और हड्डियों के टुकड़े जोड़कर हथेली का पुनर्निर्माण किया। यह सर्जरी बेहद जोखिमपूर्ण थी, लेकिन सिद्धार्थ टीम ने धैर्य और दक्षता से उसे सफल बना दिया।
डा. सिद्धार्थ ने बताया कि – “यदि ऑपरेशन में थोड़ी भी देरी होती तो अत्यधिक रक्तस्राव और संक्रमण से स्थिति गंभीर हो जाती, और अंततः हथेली काटनी पड़ती। समय से इलाज मिल जाने के कारण अब मरीज खतरे से बाहर है। घाव तेजी से भर रहा है और जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।”
ऑपरेशन टीम में डा. राजेश त्रिपाठी, डा. रवि सिंह, डा. राजेन्द्र और डा. विनोद यादव का भी सराहनीय योगदान रहा।
परिजनों ने डा. सिद्धार्थ हॉस्पिटल की टीम का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने विकास को नया जीवन दिया है। दीपावली का यह “दर्दनाक हादसा” अब “जीवन का नया उजाला” बन गया।

