“कर्मयोग, मद्य निषेध एवं विकसित भारत” विषयक गोष्ठी सम्पन्न, मुख्य अतिथि वेंकटेश्वर लू ने समाज सुधार पर दिया जोर
मुख्य अतिथि श्री वेंकटेश्वर लू ने अपने उद्बोधन में कर्मयोग, सेवा-भाव, सद्भावना और नशा-मुक्ति को समाज विकास की आधारशिला बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और सामाजिक समरसता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। युवाओं से राष्ट्र व समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने गायत्री परिवार के सामाजिक व आध्यात्मिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संगठन संस्कारित नागरिक निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी से समर्थ पोर्टल पर सुझाव देने की अपील की।
गायत्री परिवार के डॉ. संजय चतुर्वेदी ने कहा कि संगठन संस्कारवान मानव निर्माण का वैश्विक अभियान चला रहा है, जबकि इस्कॉन प्रतिनिधि दिव्य नितायी दास ने कर्मयोग, राष्ट्र निर्माण और भारतीय संस्कृति पर प्रभावी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कर्मयोगी बनने और परिणाम आधारित कार्य संस्कृति अपनाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में प्राचार्यों को श्रीमद्भगवद् गीता भेंट की गई तथा जिलाधिकारी ने अपनी पुस्तक “कर्मकुंभ” मंचासीन अतिथियों को प्रदान की। अंत में मुख्य अतिथि द्वारा नशामुक्ति की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम का संचालन सलमान शेख ने किया और मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खाड़िया ने आभार जताया।

