मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरी समाजवादी मजदूर सभा
धरना समाजवादी मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव अमित यादव के नेतृत्व में संपन्न हुआ। धरना-प्रदर्शन का आयोजन पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गांधी प्रतिमा की स्वयं सफाई कर माल्यार्पण से की गई। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि गांधी प्रतिमा के आसपास गंदगी फैली हुई थी, जो प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। कार्यकर्ताओं ने खुद सफाई कर राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान प्रकट किया और स्वच्छता का संदेश दिया।
धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अमित यादव ने कहा कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि राष्ट्रपिता के सम्मान और गरीब-मजदूरों के अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चारों लेबर कोड मजदूरों की सुरक्षा, रोजगार की स्थिरता और सम्मानजनक जीवन के अधिकार को कमजोर करते हैं। समाजवादी मजदूर सभा इन जनविरोधी नीतियों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी।
वक्ताओं ने एक स्वर में मांग की कि मनरेगा में महात्मा गांधी का नाम पुनः जोड़ा जाए, मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड तत्काल वापस लिए जाएं और मजदूरों के हित में पुराने श्रम कानूनों को और मजबूत किया जाए। समाजवादी मजदूर सभा ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मजदूरों की आवाज को अनसुना किया गया तो यह आंदोलन जिला से प्रदेश और प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर तक और अधिक उग्र व व्यापक किया जाएगा।
धरना-प्रदर्शन का संचालन जिला अध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा ने किया, जबकि जिला महासचिव विशाल कन्नौजिया ने कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर डॉ. जंग बहादुर यादव (राष्ट्रीय सचिव, युवजन सभा), गुडडू सोनकर, मो. जावेद, प्रदीप कुमार यादव, मेहदीलाल, रमाशंकर चौहान, बीरेंद्र यादव, रजनीश मिश्रा, दीपक विश्वकर्मा, धीरज बिंद, राजीव यादव, एडवोकेट कुलदीप यादव, एडवोकेट अनिल, रजनीश यादव, धर्मेंद्र, अजय कुमार गौतम, मो. ताज सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
धरना स्थल पर “मजदूर विरोधी नीतियां नहीं चलेंगी”, “गांधी के नाम से मनरेगा छेड़छाड़ बंद करो” जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

