विश्वविद्यालय के रवैये से आक्रोशित प्रबंधक महासंघ, सड़क पर उतरने को मजबूर
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतियों और एकतरफा फैसलों से आहत स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधक महासंघ अब खुलकर विरोध के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हो गया है। महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार तिवारी ने विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महाविद्यालयों को बंद करने की साजिश रची जा रही है और बिना किसी पूर्व सूचना के मनमाने आदेश जारी किए जा रहे हैं।
डॉ. तिवारी ने बताया कि हाल ही में पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा यह आदेश पारित किया गया कि वर्ष 2017 से महाविद्यालयों पर जीएसटी लागू किया जाएगा, जिसका प्रबंधक महासंघ लगातार विरोध कर रहा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना महाविद्यालयों को कोई सूचना दिए परीक्षा शुल्क में ₹200 की वृद्धि कर दी है। उन्होंने कहा कि स्नातक (यूजी) में जो परीक्षा शुल्क महाविद्यालय विश्वविद्यालय को जमा करते हैं, उसी आधार पर जब शासन स्तर से कोई शुल्क वृद्धि नहीं हुई है, तो स्नातकोत्तर (पीजी) में ₹200 शुल्क बढ़ाने का फरमान कैसे जारी किया जा सकता है।
महासंघ अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से मनमानी रवैया अपना रहा है और इससे स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस रवैये के खिलाफ दिनांक 2 जनवरी 2026 को कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपकर विरोध दर्ज कराया जाएगा।
डॉ. तिवारी ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री के संज्ञान में लाई जाएगी। यदि इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निर्णय वापस नहीं लिए गए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
प्रबंधक महासंघ ने विश्वविद्यालय से तत्काल इन निर्णयों पर पुनर्विचार करने और महाविद्यालय हित में सकारात्मक कदम उठाने की मांग की है।

