मानव जीवन का परम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है : डॉ. रजनीकांत द्विवेदी
जौनपुर: मानव जीवन का परम लक्ष्य परमात्मा को प्राप्त करना है, क्योंकि प्रत्येक जीवात्मा प्रकृति के अधीन है और प्रकृति स्वयं परमात्मा के अधीन होती है। उक्त विचार कथा व्यास डॉ. रजनीकांत द्विवेदी जी महाराज ने जनपद के वरिष्ठ पत्रकार एवं अधिवक्ता यादेवेंद्र चतुर्वेदी के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर व्यक्त किए।
कथा व्यास ने कहा कि इस संसार का नाम ही दुखालय है। जो व्यक्ति इस संसार में बने रहने की इच्छा करता है, वही वास्तव में दुखी रहता है। उन्होंने भक्तों को सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठकर भक्ति के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के चरित्र का भावपूर्ण वर्णन करते हुए सच्ची मित्रता, त्याग और भक्ति का महत्व विस्तार से बताया।
श्रीमद्भागवत कथा में प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश चंद्र यादव, मेडिकल कॉलेज अंबेडकर नगर के निदेशक डॉ. अनिल त्रिपाठी, जेब्रा के अध्यक्ष संजय सेठ, गीतांजलि के अध्यक्ष शशि श्रीवास्तव, नीरज साह, राजीव मोहन अग्रवाल, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, पूर्व विधायक बांके लाल सोनकर सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
इससे पूर्व मुख्य यजमान जितेंद्र चतुर्वेदी, यादेवेंद्र चतुर्वेदी, मधुकर चतुर्वेदी, मिलन चतुर्वेदी एवं मनोज चतुर्वेदी ने विधिवत श्रीमद्भागवत जी का पूजन-अर्चन किया। कथा के समापन पर भक्तों ने भक्ति रस में डूबकर कथा का श्रवण किया और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया।

