वैश्वीकरण, लोक संस्कृति व सामाजिक मीडिया विषयक गोष्ठी आयोजि
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जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा गुरुवार को संकाय भवन के हाल में वैश्वीकरण, लोक संस्कृति व सामाजिक मीडिया विषयक गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें बतौर मुख्य वक्ता मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान काशी विद्यापीठ वाराणसी के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि आज वैश्वीकरण के दौर में लोक संस्कृतियों को सजोना चुनौतीपूर्ण है। लोक संस्कृति वह है जिसमें हम जीते हैं। सामाजिक मीडिया के माध्यम से लोक संस्कृति को नयी पहचान मिली है। इण्टरनेट, फेसबुक जैसे सामाजिक मीडिया को संचालित करने वालों की यह जिम्मेदारी बनती है कि सांस्कृतिक धरातल से जुघ् कर काम करे।
विशिष्ट अतिथि दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार अनिल महेश्वरी ने कहा कि वैश्वीकरण का सही आईना सोशल मीडिया है। आज सुदूर गांव देहात की संस्कृति भी सोशल मीडिया के माध्यम से फल-फूल रही है। इसका प्रयोग करने वालों को सदैव सकारात्मक सोच रखनी चाहिये। विशिष्ट अतिथि बीएचयू के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एएच आजमी ने कहा की सामाजिक मीडिया ने कुछ ही बड़े वर्ग की संस्कृतियों को बढ़ावा दिया है। छोटे-छोटे समुदायों की संस्कृति अभी तक इससे बहुत दूर है। विषय प्रवर्तन एवं स्वागत करते हुये प्राध्यापक डा. मनोज मिश्र ने कहा कि सामाजिक मीडिया ने सामाजिक क्रांति ला दी है। आज खबर-दर-खबर वैश्विक स्तर पर इसकी चर्चा कहीं न कहीं होती रहती है। धन्यवाद् ज्ञापन संकाय अध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह एवं संचालन कार्यक्रम संयोजक डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. रुश्दा आजमी समेत अन्य मौजूद रहे।
विशिष्ट अतिथि दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार अनिल महेश्वरी ने कहा कि वैश्वीकरण का सही आईना सोशल मीडिया है। आज सुदूर गांव देहात की संस्कृति भी सोशल मीडिया के माध्यम से फल-फूल रही है। इसका प्रयोग करने वालों को सदैव सकारात्मक सोच रखनी चाहिये। विशिष्ट अतिथि बीएचयू के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एएच आजमी ने कहा की सामाजिक मीडिया ने कुछ ही बड़े वर्ग की संस्कृतियों को बढ़ावा दिया है। छोटे-छोटे समुदायों की संस्कृति अभी तक इससे बहुत दूर है। विषय प्रवर्तन एवं स्वागत करते हुये प्राध्यापक डा. मनोज मिश्र ने कहा कि सामाजिक मीडिया ने सामाजिक क्रांति ला दी है। आज खबर-दर-खबर वैश्विक स्तर पर इसकी चर्चा कहीं न कहीं होती रहती है। धन्यवाद् ज्ञापन संकाय अध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह एवं संचालन कार्यक्रम संयोजक डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. रुश्दा आजमी समेत अन्य मौजूद रहे।
