सामाजिक कुरीतियों को नष्ट करने के लिये आगे आयें लोगः अरविन्द द्विवेदी
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जौनपुर। समाज की समस्त कुरीतियों को समाप्त करने हेतु सतत् लोगों को प्रयास करना चाहिये तथा इसके लिये उन्हें आगे आना चाहिये। जिस तरह से बाबा भोलेनाथ ने विष को स्वयं ग्रहण करके सम्पूर्ण देव समाज को सुरक्षित कर दिया, कुछ इसी तरह की भावनाओं के साथ आज युवाओं को स्वयं की आलोचनाओं पर ज्यादा ध्यान न देते हुये निरंतर समाज के दबे व तिरस्कृत वर्ग को सहारा देने और अपनांे में गुरेज नहीं करना चाहिये। उक्त विचार नगर के ताड़तला के बजरंग घाट पर स्थित विंध्यवासिनी मंदिर पर आयोजित रामकथा में लेदुका से आये सद्गृहस्थ संत पं. अरविन्द द्विवेदी जी महाराज ने व्यक्त किया। रामकथा मंदाकिनी समिति द्वारा आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम के 5वें दिन उमड़ी भक्तों की भीड़ में महाराज जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के अवतार मानव सभ्यता का उत्कर्ष है। समग्रवाद की चेतना है। समष्टिवादी, विकासवाद, एकात्मवाद एवं समन्वयवाद की संचेतना कहीं झलकती है तो वह प्रभु श्रीराम के जीवन से ही झलकती है। इस अवसर पर प्रमोदानन्द जी महाराज, आत्मा राम सेठ, वाचस्पति तिवारी, यादवेन्द्र द्विवेदी, विनोद मिश्रा, अखिलेश पाण्डेय के अलावा संरक्षक मण्डल के तमाम सदस्यों सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। मालूम हो कि बीते 7 दिसम्बर से शुरू यह रामकथा 13 दिसम्बर तक चलेगा।