दुर्लभ दस्तावेजों की जुबानी, आजादी की पूरी कहानी

आजादी से पहले के अभिलेखों (दस्तावेज) के सहारे देश में तमाम रिसर्च भी चल रही है। क्षेत्रीय अभिलेखगार काशी में भी आज़ादी के पहले 1857 से लेकर 1945 तक के महत्वपूर्ण अभिलेखों को इकठ्ठा किया गया है।
 इसमें सबसे प्रमुख रानी लक्ष्मी बाई की मौत के बाद ब्रिटिश हुक्मरानों द्वारा जारी ओरिजनल टेली ग्राम, चन्द्र शेखर आज़ाद की इलाहाबाद में हुई मुठभेड़ के बाद मौत की तस्वीर, अमर शहीद अशफाक उल्ला खां के हाथों से लिखा पत्र, गांधी जी का वह भाषण (जिसको उन्होंने बनारस के हिन्दू कॉलेज में 27 नवम्बर 1920 को दिया था) की मूल प्रति आज भी आज़ादी के कहानी को बयां कर रही है।
 क्षेत्रीय अभिलेखागार अधिकारी प्रभाकर जौहरी ने बताया कि ये ऐसे अभिलेख हैं जिनसे आज़ादी के इतिहास के बारे में पता चलता है। 
 1. 16 दिसंबर 1927 का शहीद अशफाक उल्ला खान के हाथों से लिखा गया पत्र। 

2. 18 जून 1858 रानी लक्ष्मी बाई के शहीद होने पर ब्रिटिश अधिकारी आर हेमेल्टन ने ग्वालियर से रानी की मौत की खबर को टेलीग्राम के जरिए लॉर्ड गवर्नर जनरल को भेज था।

3. 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद में अल्फ्रेड पार्क में चन्द्र शेखर आज़ाद मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। 

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