लक्ष्मण ने बसाया था लखनऊ को 1920 में बना यूपी की राजधानी

लखनऊ को ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार इसका प्राचीन नाम लक्ष्मणपुर था। राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इसे बसाया था। यहां के शिया नवाबों ने शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत, और बढ़िया व्यंजनों को सदैव संरक्षण दिया। लखनऊ को नवाबों का शहर भी कहा जाता है। लखनऊ को पूर्व का स्वर्ण नगर और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। लखनऊ प्राचीन कोसल राज्य का हिस्सा था।
इसे भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को सौंप दिया था। इसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से भी जाना गया, जो बाद में बदल कर लखनऊ हो गया। लखनऊ से अयोध्या सिर्फ 40 मील की दूरी पर है। लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना नवाब आसफुद्दौला ने 1775 ई. में की थी। अवध के शासकों ने लखनऊ को अपनी राजधानी बनाकर इसे समृद्ध किया। कालांतर में नवाब विलासी और निकम्मे सिद्ध हुए। इन नवाबों के आलसी स्वभाव के कारण लॉर्ड डलहौजी ने अवध को बिना युद्ध ही अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया। 1850 में अवध के अन्तिम नवाब वाजिदअली शाह ने ब्रिटिश आधीनता स्वीकार कर ली। लखनऊ से नवाबों का शासन इस प्रकार खत्म हो गया। सन 1902 में नार्थ वेस्ट प्रोविन्स का नाम बदल कर यूनाइटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा एंड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूनाइटेड प्रोविन्स या यूपी कहा गया। सन 1920 में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से बदल कर लखनऊ कर दिया गया। आजादी के बाद 12 जनवरी सन 1950 में इसका नाम बदल कर उत्तर प्रदेश रख दिया गया और लखनऊ इसकी राजधानी बना।

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