हर-हर मोदी' नारे को लेकर नरेंद्र मोदी पर परिवाद दाखिल
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वाराणसी. बीजेपी हर-हर मोदी घर-घर मोदी के नारे को लेकर अब पूरी तरह घिरती नजर आ रही है। अधिवक्ता मनोज दूबे ने सीजीएम कोर्ट में इस नारे को लेकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर मुकदमा दर्ज करने के लिए परिवाद दाखिल किया है।
मजिस्ट्रेट ने परिवाद को स्वीकार कर अगली बहस की तारीख 3 अप्रैल को रखी है। अधिवक्ता ने बताया कि मोदी और अमित शाह ने बनारस और देश की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। बनारस गंगा-जमुनी तहजीब का शहर है। यहां महादेव से बढ़कर कोई नहीं है। हर-हर महादेव का उद्घोष है। मोदी अपने को महादेव से भी ऊपर रखना चाहते हैं।
भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है
भगवान का अपमान है नारा स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि यह नारा हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के लिए लगाया जाता है। किसी व्यक्ति विशेष से नारा जोड़ने पर लोगों की धार्मिक आस्था आहत हो रही है। स्वरूपानंद ने कहा है कि गोलवलकर की किताब विचार नवनीत में व्यक्ति पूजा को आरएसएस के सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है। यदि आएसएस के कार्यकर्ता भी एक व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) की पूजा कर रहे हैं, तो ये खुद संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है। स्वरूपानंद का कहना है कि इस तरह के नारे से भगवान का अपमान हो रहा है। बता दें कि शंकराचार्य ने पहले भी मोदी को चिट्ठी लिखकर 'हर-हर मोदी' नारे पर नाराजगी जाहिर की थी।
भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है
भगवान का अपमान है नारा स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि यह नारा हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के लिए लगाया जाता है। किसी व्यक्ति विशेष से नारा जोड़ने पर लोगों की धार्मिक आस्था आहत हो रही है। स्वरूपानंद ने कहा है कि गोलवलकर की किताब विचार नवनीत में व्यक्ति पूजा को आरएसएस के सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है। यदि आएसएस के कार्यकर्ता भी एक व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) की पूजा कर रहे हैं, तो ये खुद संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है। स्वरूपानंद का कहना है कि इस तरह के नारे से भगवान का अपमान हो रहा है। बता दें कि शंकराचार्य ने पहले भी मोदी को चिट्ठी लिखकर 'हर-हर मोदी' नारे पर नाराजगी जाहिर की थी।