https://www.shirazehind.com/2014/03/00-0-00-18-71-2001-930-2011-918-00-000.html
जौनपुर, विधिक सेवा प्राधिकरण उ0प्र0 लखनऊ के निर्देश पर वात्सल्य संस्था लखनऊ द्वारा दीवानी सभागार में चलचित्र के माध्यम से बालिकाओं के संरक्षण के समबन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि बहुत सालों से यह कहा जा रहा है कि बेटा समाज के लिए बेटी परिवार के लिए होती है। शिक्षा और आर्थिक श्रोत में महिला पुरूष का भेद नही करता है। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 पी0एन0रावत को निर्देशित किया कि अल्ट्रासाउण्ड करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाय। हर त्रैमासिक बैठक में भ्रंूण हत्या की समीक्षा प्राथमिकता से की जाय। भू्रंण हत्या कानूनन अपराध है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आगामी तीन माह में कार्यवाही दिखाई पड़ने लगेगी। दीवानी बार के अध्यक्ष प्रेमशंकर मिश्र ने कहा कि सदियों से नारियों की पूजा किया जा रहा है। नारियों को शक्ति का अवतार माना जाता है। सामाजिक मान्यता है कि पुत्र ज्यादा लाभदायक है पुत्रियां कम।
वात्सल्य संस्था द्वारा बताया गया कि यह संस्था 18 वर्षों से सामाजिक कार्य कर रही है।प्रदेश के 71 जिलों के जज एवं प्रशासनिक जजों के साथ कार्यशाला किया जा चुका है।
जनपद न्यायाधीश राकेश कुमार ने बताया कि जन्म से पहले लिंग जाॅच एवं चयन कानूनन अपराध है। जनपद जौनपुर में जनगणना 2001 में 930 बालिका की जन्म दर थी जो जनगणना 2011 में घटकर 918 हो गयी। उन्होंने जिले के वुद्धजीवियों, सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों से अपील किया कि भ्रंण हत्या कदापि न करें। देश में बेटी अगर नही होगी तो बहू कहां से लाओगे।
कार्यक्रम का संचालन मृदुल कुमार मिश्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर ने किया। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारी नसीर अहमद, एन0बी0प्रसाद, ए0के0एस0यादव, डा0 दिलीप सिंह अध्यक्ष किशोर न्याय बोर्ड, वरिष्ठ अधिवक्ता बीडी0सिंह ,दीवानी बार के महामंत्री अवधेश नारायण सिंह, पुलिस अधीक्षक भारत सिंह, मुख्य विकास अधिकारी पी.सी.श्रीवास्तव,मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 पी.एन.रावत, अपर पुलिस अधीक्षक नगर रामजी सिंह यादव, मुख्य चिकित्साधीक्षक भास्कर राय आदि उपस्थित रहे।