मछलीशहर कोतवाली में अगलगी, हादसा या साजिश!

जौनपुर : रविवार की देर रात मछलीशहर कोतवाली के मालखाने में जब्त कर रखे बारूद में विस्फोट होने की अप्रत्याशित घटना एक साथ कई सवाल खड़ा कर रही है। यह हादसा है या सोची समझी रणनीति। इसे लेकर अटकलों का दौर भी तेज हो गया है तो पुलिस भी मामले की तहकीकात में लग गई है। कोतवाली परिसर स्थित बैरक नं. एक के बगल स्थित कमरे में रखा विस्फोटक रविवार की रात फट गया जिससे आग लगने की बात कोतवाली पुलिस बता रही है। लगभग एक घंटे तक धमाका होता रहा। 11 बजे रात सतहरिया से आए फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। उक्त कमरे में माइको कंपनी की शिकायत पर बरामद किया गया फिल्टर भारी मात्रा में रखा था। प्रतिबंधित, नकली एवं एक्सपायरी दवा बरामद कर रखी थी, नमक, भारी मात्रा में बरामद अंग्रेजी शराब इसी स्थान पर रखी थी। अगलगी के बाद सब कुछ नष्ट होने की बात पुलिस बता रही है। नमक की बोरी एवं जली हुई 28 बाइक, एक स्कूटर एवं एक जीप के अवशेष वहां पर दिखाई दे रहे हैं बाकी सब कुछ राख में परिवर्तित हो चुका है। चर्चा है कि मुकदमे से संबंधित साक्ष्य नष्ट करने की साजिश रची गई जिसके तहत घटना हुई। कमरे से सटे बैरक में रखे सामान सुरक्षित बच गए। बिना आग के कैसे जला पटाखा 2011 में तत्कालीन कोतवाल मो. ईशा खां द्वारा कई कार्टून पटाखा दीपावली पर्व के समय जब्त किया गया था। वह पुलिस द्वारा सुरक्षित रखा गया था। अन्य जब्ती सामान भी मालखाने के बजाए वहीं रख दिए गए थे। पटाखा मालखाने के बाहर रखने के पीछे तर्क यह दिया गया कि उसके फटने से नुकसान हो सकता है। अब सवाल उठता है कि जब यह आशंका थी तो पुलिस ने विस्फोटक सामग्री के साथ अन्य सामान रखा ही क्यों? दूसरी बात बिना आग के पटाखा फटा कैसे, जबकि जब्ती कमरा बंद बताया जा रहा है। ऐसे ही कुछ और बिंदु हैं जो उक्त घटना को साजिश के तहत होने का संकेत कर रहे हैं।

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