महिला थाने में पीड़िताओं के साथ की जाती है बदसलूकी , आरोपियों को लाभ पहुंचाने का होता है प्रयास : मंजू शास्त्री
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मंजू शास्त्री एडवोकेट |
महिलाओ की सुरक्षा के लिए जौनपुर में स्थापित महिला थाना हाथी का दांत साबित हो रहा है। महिलाओ , छात्राओ के साथ छेड़खानी , बलात्कार हो रही है और साथ घरेलु हिंसा समेत महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचार की खबरे भी न्यूज़ पेपरो में छप रही है। इन घटनाओ पर विराम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने यहाँ पर एक महिला थाना स्थापित कर रखा है इसके बाद भी महिलाओ का शोषण बदस्तूर जारी है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 11 अप्रैल 2010 को जौनपुर में महिला थाना स्थापित किया था। इस थाने स्थापित करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि महिलाओ , छात्राओ के साथ छेड़खानी , बलात्कार हो रही है और साथ घरेलु हिंसा समेत महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचार की शिकार पीड़िता बे हिचक मुकदमा दर्ज कराकर आरोपियो को सजा दिला सके।
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रंजना सचान थानाध्यक्ष |
इस थाने ने महिलाओ को कितना सुरक्षा प्रदान किया और कितने पीड़ित महिलाओ को न्याय दिलाया है इस बारे में जौनपुर की कुछ जागरूक महिलाओ से बात किया गया तो सभी ने कहा कि यह महिला थाना जरुर है लेकिन इसमें तैनात अधिकारी कर्मचारी पुरुष प्रभावी सोच होने के कारण इसका लाभ महिलाओ को नहीं मिल पा रहा है।
इस मामले पर महिलाओ के उत्थान और विकास के काम कर रही समाजसेवी रेनू सिंह से बात किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि महिला थाने में पीड़िताओं को न्याय मिलना तो दूर की बात तैनात थानेदार पीड़ित महिलाओ के साथ जो व्यहार और जिन शब्दों का प्रयोग करती है वह शब्द शायद ही पुरुष थानेदार करता होगा ।
अपराध विशेषज्ञ मंजू शास्त्री तो वर्तनमान थानेदार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि तमाम केशो को प्रभावित करने के लिए महिला थानाध्यक्ष मामूली धारा लगाई है । उन्होंने एक नही दर्जन भर से अधिक मामलो का हवाला देते हुए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि महिला थाने में पीड़िताओं को नही बल्कि आरोपियों को ही लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है साथ ही पीड़ित लड़कियों , महिलाओ को सुलह समझौता करने का दबाव भी बनाया जाता है ।