पूविवि के जनसंचार विभाग में जनप्रतिनिधि होने के मायने विषयक परिचर्चा आयोजित
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जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा संकाय भवन में चुनाव 2014 के मद्देनजर जनप्रतिनिधि होने के मायने विषयक परिचर्चा का आयोजन हुआ जहां वक्ताओं ने ऐसे जनप्रतिनिधि का चयन करने की वकालत की जो जनभावनाओं के अनुरुप कार्य करे एवं संसद में जनता की आवाज रख सके। इसके साथ इस बात पर भी जोर दिया कि जनप्रतिनिधि की सहज उपलब्धता हो। परिचर्चा में विशेषज्ञ के तौर पर प्रबन्ध संकाय के अध्यक्ष डा. मानस पाण्डेय, व्यवसायिक अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा. एचसी पुरोहित, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह के साथ मीडिया प्रभारी डा. मनोज मिश्र ने अपनी बात रखी। साथ ही परिचर्चा में शामिल विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से सवाल किया। डा. पाण्डेय ने कहा कि जनता से जुड़े व्यक्ति को ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुना जाना चाहिये। डा. पुरोहित ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से जनता बहुत सारी उम्मीदें रखती है लेकिन उनके चयन के समय अपनी सोच से हटकर भावनाओं मे बहकर वोट दे देती है जिसका खामियाजा उन्हें लम्बे समय तक भुगतना पड़ता है। जनसंचार विभाग के डा.ॉसिंह ने कहा कि आज सभी दल ऐसे लोगों को टिकट देते हैं जो चुनाव जीत सकें। यही कारण है कि केंन्द्रीय नेतृत्व का चरित्र स्थानीय नेताओं मे देखने को नहीं मिलता। डा.ॉमनोज मिश्र ने कहा कि शिक्षित, दृढ़ निश्चयी एवं समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाला व्यक्ति ही सही मायने में जनप्रतिनिधि हो सकता है। परिचर्चा का समन्वयन प्राध्यापक डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। संचालन अभिषेक कटियार व आशीष सिंह ने संयुक्त रूप से किया तो अतिथियों का स्वागत डा. सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।