जहां भक्ति रहती है, वहीं भगवान भी रहते हैं

 जौनपुर। श्रीमद्भागवत कथा व ज्ञान यज्ञ से भक्ति भक्तों के हृदय में विराजमान हो जाती है। जहां भक्ति रहती है, वहीं भगवान भी रहते हैं। सारे संसार को एक समान समझना चाहिये। उक्त विचार खुटहन क्षेत्र के पिलकिछा गांव निवासी समाजसेवी राजपति यादव के आवास पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा व महायज्ञ के अंतिम दिन वाराणसी से पधारे कथावाचक डा. हर्याचार्य जी महाराज ने व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने कृष्ण-रूक्मणि विवाह, कृष्ण-सुदामा मित्रता, पाण्डवों द्वारा राजसूय यज्ञ का विस्तार से वर्णन करते हुये कहा कि जब तक पृथ्वी पर जीवन रहें, तब तक श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ का श्रवण अवश्य करना चाहिये। इसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य के सारे पाप कट जाते हैं तथा मुक्ति भी प्राप्त होती है। इस दौरान ऊं साईं मिलन शिरडी के यज्ञाचार्य पं. कमलेश शास्त्री, हरिलाल दास नरहरि दास, अखिलेश चन्द्र यादव, सुभाष चन्द्र यादव, शोभनाथ, रामपलट, अश्वनी कुमार, अभिषेक कृष्ण, शोभित कृष्ण, आशीष कुमार, महावीर यादव, आशा, गंगा, शोभा, दुगावती देवी, शिप्रा, शिखा, शालिनी, शिवांगी, जड़ावती, विंध्यवासिनी, सृष्टि गुडि़या, जिलेदार सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में कार्यक्रम आयोजक पत्रकार रमेश चन्द्र यादव ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि यज्ञ की पूर्णाहुति सोमवार को होगी तथा मंगलवार को भव्य भण्डारे का आयोजन सुनिश्चित किया गया है। श्री यादव ने श्रद्धालुआंे से भक्ति ज्ञान यज्ञ की पूर्णाहुति एवं भण्डारे में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील किया।

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