‘‘चिडि़या और औरत‘‘

प्रभुनाथ शुक्ला 
एक-एक तिनके से
बंया बनाती हैं चिडि़या
सर्दी, धूप और बारिश से
सुरक्षित बंया बनाती है चिडि़या
घोषले में चूजों का संसार
बसाती है चिडि़या
आससमान फाड़ पहाड़ों को लांघ
बादलों को चीर
बारिश में भींग
चूजों को दाना चूंगाती है चिडि़या
उन्हें उड़ना भी
सिखाती है चिडि़या
कितनी समानता है
चिडि़या और उस औरत मंे
दोनों का समर्पण कितना सुखद है
कितनी समानता है
चिडि़या और औरत के संसार में
लेकिन
दोनों की नियति समान हैं
उस
शिकारी बांज से नहीं बचती
चिडि़या और वह औरत

Related

खबरें 8943445615156490909

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item