भदोहीः कामायनी धरना स्थल पर पहुंचे समर्थक की मौत
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भदोही। जिले के सुरियावां रेलवे स्टेशन पर वाराणसी से कुर्ला तक जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस के ठहराव के लिए चल रहे धरने में सोमवार को एक समर्थक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। समर्थक के घर 03 मई को बेटे की शादी पड़ी है। कामायनी के धरने की बात सुनकर वे मुंबई से आए थे। इस घटना से कामायनी ठहराव की मांग कर रहे कांग्रेस महासचिव सुनील उपाध्याय और बरिष्ठ कांग्रेसी नेता डा. भगौती प्रसाद गुप्त ने रेल प्रशासन के प्रति गहरा क्षोभ जाहिर किया है। हादसे का शिकार हुए उपाध्याय सुनील उपाध्याय के करीबी रिश्तेदार हैं।
राधेश्याम उपाध्याय 55 सुरियावां के बेला गांव के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार मुंबई में रहता है। एक सप्ताह पूर्वें कामायनी के प्रदर्शन के समर्थन में घर आए थे। रविवार को भी वे धरने पर आए थे। आज दूसरे दिन भी धरने पर आए और कामायनी एक्सप्रेस के लिए धरना कर रहे सुनील उपाध्याय और डा. भगौती प्रसाद गुप्त से ठहराव के बाद बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जायज मांग के बाद भी रेलगाड़ी का यहां ठहराव नहीं किया जा रहा है। यह रेल प्रशासन और राजनेताओं की जनहित के मसले पर लापरवाही है। अगर कामायनी एक्सप्रेस का ठहराव सुरियावां में हो जाएगा तो हम लोगों के लिए काफी राहत मिलेगी। इस बातचती के दौरान उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ गया। उनकी हालत खराब होने लगी। अचानक उनकी तबियत बिगडते देख लोग भौंचक रह गए। धरना स्थल पर मौजूद लोग आनन-फानन में उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुरियाां ले गए। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उनके बेटे की 03 मई को भदोही के ममहर गांव में शादी पड़ी है। घर में मांगलिक खुशी में विघ्न पड़ गया। इस घटना से कामायनी आंदोलन से जुड़े सुनील उपाध्याय और डा. भगौती प्रसाद एक समर्थक की इस तरह की मौत पर दुखी है। धरना स्थल पर बैठे सैकड़ों लोगों ने इस पर दुख प्रगट किया है। वहां इस खबर के बाद वहां काफी भीड़ इकटठा हो गयी। इस घटना के बाद से कामायनी के लिए आंदोलन कर रहे लोगों में उबाल हैं कि कामायनी आंदोलन ने एक आदमी जान भी ले लिया। लेकिन रेल प्रशासन इस जायज मांग पर गौर नहीं कर रहा है।
राधेश्याम उपाध्याय 55 सुरियावां के बेला गांव के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार मुंबई में रहता है। एक सप्ताह पूर्वें कामायनी के प्रदर्शन के समर्थन में घर आए थे। रविवार को भी वे धरने पर आए थे। आज दूसरे दिन भी धरने पर आए और कामायनी एक्सप्रेस के लिए धरना कर रहे सुनील उपाध्याय और डा. भगौती प्रसाद गुप्त से ठहराव के बाद बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जायज मांग के बाद भी रेलगाड़ी का यहां ठहराव नहीं किया जा रहा है। यह रेल प्रशासन और राजनेताओं की जनहित के मसले पर लापरवाही है। अगर कामायनी एक्सप्रेस का ठहराव सुरियावां में हो जाएगा तो हम लोगों के लिए काफी राहत मिलेगी। इस बातचती के दौरान उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ गया। उनकी हालत खराब होने लगी। अचानक उनकी तबियत बिगडते देख लोग भौंचक रह गए। धरना स्थल पर मौजूद लोग आनन-फानन में उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुरियाां ले गए। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उनके बेटे की 03 मई को भदोही के ममहर गांव में शादी पड़ी है। घर में मांगलिक खुशी में विघ्न पड़ गया। इस घटना से कामायनी आंदोलन से जुड़े सुनील उपाध्याय और डा. भगौती प्रसाद एक समर्थक की इस तरह की मौत पर दुखी है। धरना स्थल पर बैठे सैकड़ों लोगों ने इस पर दुख प्रगट किया है। वहां इस खबर के बाद वहां काफी भीड़ इकटठा हो गयी। इस घटना के बाद से कामायनी के लिए आंदोलन कर रहे लोगों में उबाल हैं कि कामायनी आंदोलन ने एक आदमी जान भी ले लिया। लेकिन रेल प्रशासन इस जायज मांग पर गौर नहीं कर रहा है।