आंधी पानी ने फिर मचायी तबाही
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जौनपुर । मौसम की विपरीत परिस्थियों में अन्नदाता पिसता जा रहा है। सोमवार को आंधी पानी ने जमकर तबाही मचाई जिससे रही सही फसलों का भी सत्यानाश हो गया। काटकर मड़ाई के लिए रखी फसलें बिखरकर तराबोर हो कर खराब हो गयी। कटाई और मड़ाई का काम एक फिर ठप पड़ गया। प्रकृति का कहर अप्रैल माह में भी लगातार जारी है। दो-चार तीन के भीतर हवा के झोकों के साथ हो रही बारिश से फसलों को काफी क्षति पहुंच रही है। ईंट-भट्ठा उद्योग पर भी प्रभाव पड़ा है। आंधी के चलते जहां कई पेड़ गिर गये वहीं बिजली के तार और खंभो ंको भी क्षति पहुंची। तार व खंभा टूटने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। अंाधी के चलते मड़ई का कार्य रुक गया और किसान भूसा बचाने में जुटे रहे। सवेरे से मौसम खराब था और आसमान पर बादल छाये थे। अपरान्ह चार बजे आंधी आयी ओर बारिश शुरू हो गयी । इसके चलते कटाई का कार्य रुक गया और खलिहानों में रखी फसल भीग गई। मौसम के लगातार बदल रहे मिजाज ने किसानों की कमर ताड़ दी है। अधिकतर इलाके में मड़ाई कार्य बाधित हो गया है। फसलों के बर्बाद होने से किसानों को सुख चैन छिन गया है उनकी नींद उड़ गयी है। बेमौसम हो रही बारिश के कारण लगभग पचास से साठ फीसद फसल बर्बाद हो गई है। बची फसल पर भी ग्रहण लग गया है। इधर, राज्य व केंद्र सरकार किसानों को मुआवजा देने की घोषणा तो कर दिए हैं लेकिन मातहत बर्बाद किसानों के आंसू पोछने में अड़ंगा बने हुए हैं। एक स्थान पर बैठकर किए जा रहे सर्वे के कारण वास्तविक क्षति का आकलन नहीं हो पा रहा है। किसान प्रकृति की मार से परेशान हैं। खाद्यान्न को मड़ाई कर जल्द से जल्द घरों में ले जाने की मंशा पर मौसम पानी फेर दे रहा है। गेहूं भीगने के कारण गुणवत्ता भी प्रभावित हो गई है। आंधी और बूंदाबादी के चलते जहां फसलों को काफी नुकसान हुआ है वहीं आम की फसल भी गिर गई है। इसे लेकर किसान परेशान हैं। कई क्षेत्रों में क्षेत्र में आंधी-तूफान के चलते कई स्थानों पर तार खंभे टूटकर गिर गए हैं। इसके चलते आपूर्ति ठप हो गई है। खराब मौसम के कारण मरम्मत कार्य में भी व्यवधान आ रहा है।