मिटिंग में नही पहुँचे डीएम, भड़के सांसद ,पारित किया निंदा प्रस्ताव
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जौनपुर। नगर क्षेत्र समेत आठ नगर पंचायतो में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों की बुलाई गयी बैठक में खुद डीएम ही नदारत रहने के कारण सांसद केपी सिंह समेत मिटिगं हाल में मौजूद समस्त प्रतिनिधियो ने निन्दा प्रस्ताव पास करतेे हुए इस मामले की शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से करने का ऐलान सांसद ने किया। इससे भी ज्यादा हैरत की बात यह रही कि जिले की सबसे गम्भीर समस्या के निदान के लिए बुलाई गयी इस बैठक में सांसद केपी सिंह मछलीशहर के सांसद प्रतिनिधि विजय चंद्र पटेल कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के प्रतिनिधि श्याम बहादुर पाल और सदर विधायक नदीम जावेद के प्रतिनिधि खुर्शीद अनवर के अलाव कोई भी विधायक या उनका प्रतिनिधि नही पहुंचा।
केन्द्र सरकार द्वारा जिले के आठ नगर पंचायतो में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए आज दोपहर साढ़े बारह बजे जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट मिटिंग हाल में सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गयी थी। इस मिटिंग की अध्यक्षता जौनपुर के सांसद केपी सिंह को करना था। निर्धारित समय पर सांसद केपी सिंह, मछलीशहर के सांसद प्रतिनिधि डा0 विजय चंद्र पटेल ,मल्हनी विधानसभा के एमएलए व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ के प्रतिनिधि श्याम बहादुर पाल ,सदर विधायक नदीम जावेद के प्रतिनिधि खुर्शीद अनवर और बिजली विभाग के कुछ अधिकारी मिटिंग हाल में उपस्थित हो गये। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी डीएम समेत कोई भी प्रशासनिक अधिकारी बैठक में नही पहुंचने से सांसद भड़क उठे। उन्होने निन्दा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि यह जनप्रतिनिधियों का घोर अपमान है। इस बात की शिकायत लोकसभा स्पीकर से करने की बात कहकर मिटिंग की खानापूर्ति की गयी।
केन्द्र सरकार द्वारा जिले के आठ नगर पंचायतो में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए आज दोपहर साढ़े बारह बजे जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट मिटिंग हाल में सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गयी थी। इस मिटिंग की अध्यक्षता जौनपुर के सांसद केपी सिंह को करना था। निर्धारित समय पर सांसद केपी सिंह, मछलीशहर के सांसद प्रतिनिधि डा0 विजय चंद्र पटेल ,मल्हनी विधानसभा के एमएलए व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ के प्रतिनिधि श्याम बहादुर पाल ,सदर विधायक नदीम जावेद के प्रतिनिधि खुर्शीद अनवर और बिजली विभाग के कुछ अधिकारी मिटिंग हाल में उपस्थित हो गये। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी डीएम समेत कोई भी प्रशासनिक अधिकारी बैठक में नही पहुंचने से सांसद भड़क उठे। उन्होने निन्दा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि यह जनप्रतिनिधियों का घोर अपमान है। इस बात की शिकायत लोकसभा स्पीकर से करने की बात कहकर मिटिंग की खानापूर्ति की गयी।