लोक तन्त्र में अपनी बात रखने तथा धरना प्रर्दशन करने का अधिकार सबको है


जौनपुर। राज्यमंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मातृ एव शिशु कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश शंखलाल मांझी देर शाम निरीक्षण भवन जौनपुर पहुचें तथा निषाद मछुआ समाज के जनपदीय जनप्रतिनिधियो/कार्यकर्ताओ से उनकी समस्याओ तथा अनु0 जाति मेें सम्मिलित किये जाने के सम्बन्ध में चर्चा किया तथा बताया कि लोक तन्त्र में अपनी बात रखने तथा धरना प्रर्दशन करने का अधिकार सबको है उन्होंने बताया कि वर्ष 1952 में जब गॉव में समितियों का मैनुअल बना 115 एस की धारा में ग्राम सभा की संपतियों का निस्तारण किया जाता है। मत्स्य पालन, कृषि आजीविका के साधन है। मत्स्य पालन कृषि के अपेक्षा लाभदायक है तालाबों का पट्टा सस्ते दर पर हमारी सरकार ने मछुआ समुदायों को दिया था जिसे पूर्व सरकार ने निलामी के द्वारा सभी जातियों के लिए कर दिया था। जिसे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव  ने मा0सुप्रीम कोट में याचिका दायर करने का निर्देश अधिकारियों को दे दिया है। भारत के सविधान में 239 धारा जी कालम 1 और 2 में अपने सुबे के गॉव में कानून बनाने का अधिकार देता है। उन्होंने बताया कि देश सविधान से चलता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक, शैक्षणिक, पिछडे को सहायता देने के लिए सविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कार्यकताओं से अपील किया कि दिल्ली में जन्तर-मन्तर रैली में अधिक से अधिक भाग ले। इस अवसर पर पार्टी के जिलाध्यक्ष राज नारायण बिन्द, महासचिव श्याम बहादुर पाल, उपाध्यक्ष हिशामुदीन, कोषाध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव, बाबू राम निषाद, विषंभर निषाद, सहित अन्य निषाद बन्धु उपस्थित रहे। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 दिनेश कुमार यादव भी उपस्थित रहे। 


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