भदोही- जिला जेल में विचाराधीन कैदी की मौत साथियों का शव देने से इनकार
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ज्ञानपुर(भदोही)। उत्तार प्रदेश के भदोही जिले के जिला कारागार ज्ञानपुर में हत्या के आरोप में बंद एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध। स्थिति में गुरुवार की रात दो बजे मौत हो गयी। उस पर ऊंज थाने के चौरहटा गांव में 2009 में अपने ही सगे रिश्ते दार के पांच सदस्यों की हत्या करने का आरोप था। इस घटना का वह मुख्य आरोपी था। घटना के बाद जिलाजेल में अफरा तफरी मच गयी। जब जेल प्रशासन के लोग कैदी का शव लेने पहुंचे तो कैदिया ने साथी का शव देने से इनकार कर दिया। कैदियों अडियल रुख से मामला गंभीर हो गया। हादसे की जानकारी जेल प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु को दी गयी। सुबह डीएम के साथ पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार राय भी पहुंच गए। आलाधिकारियों के समझाने और कैदी के पिता के आने के बाद पोस्ट मार्टम के लिए शव को सौंपा गया। डीमए ने कहा है कि पोस्टेमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी। दोषी को बख्शास नहीं जाएगा।
जिला कारागारा में हत्या रोपी विचाराधीन कैदी विजय गुप्ता 32 वर्ष पुत्र नंदलाल औराई थाने के खमरिया का निवासी था। उस पर ऊंज थाना क्षेत्र के चौरहटा में वर्ष 2009 में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के आरोप में जिला कारागार ज्ञानपुर में बंद था। सूचना पर जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु, पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार राय सहित समस्त आलाधिकारी जिला जेल मौके पर पहुंच गये। और शव को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन साथी कैदियों ने जिला प्रशासन को शव सौपने से इंकार कर दिया। सुबह मृतक के पिता नंदलाल के आने के बाद कैदियों ने शव को जिला प्रशासन को सौंपा। इस संबंध में मृतक के पिता ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जेल में उनके बेटे के साथ मारपीट की जाती थी। उनका आरोप है कि अभी पांच दिन पहले उनकी पत्नी जेल में बेटे से मिलने आयी थी, तब उनका बेटा एकदम स्वस्थ था। वहीं उनका कहना है कि हत्या के मामले में भी उनके बेटे को फंसाया गया था। इस मामले में 28 जुलाई को न्यायालय में तारीख थी और उस दिन फैसला आने की भी संभावना थी। जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु ने बताया है शव को पोस्टीमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी। घटना में दोषी को बख्शाऔ नहीं जाएगा। चौरहटा कांड जिले का सबसे चर्चित कांड था। इस में एक की परिवार के पांच लोगों की हत्या की गयी थी। जिन लोगों की हत्या की गयी थी वह विजय गुप्ताा के बुआ का परिवार था। जिसमें विजय की बुआ, उसके फुफा और दो बेटियों के साथ उनकी एक एक पोती शामिल थी। यह हत्यावकांड रोंगटे खडे कर देने वाला था।
जिला कारागारा में हत्या रोपी विचाराधीन कैदी विजय गुप्ता 32 वर्ष पुत्र नंदलाल औराई थाने के खमरिया का निवासी था। उस पर ऊंज थाना क्षेत्र के चौरहटा में वर्ष 2009 में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के आरोप में जिला कारागार ज्ञानपुर में बंद था। सूचना पर जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु, पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार राय सहित समस्त आलाधिकारी जिला जेल मौके पर पहुंच गये। और शव को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन साथी कैदियों ने जिला प्रशासन को शव सौपने से इंकार कर दिया। सुबह मृतक के पिता नंदलाल के आने के बाद कैदियों ने शव को जिला प्रशासन को सौंपा। इस संबंध में मृतक के पिता ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जेल में उनके बेटे के साथ मारपीट की जाती थी। उनका आरोप है कि अभी पांच दिन पहले उनकी पत्नी जेल में बेटे से मिलने आयी थी, तब उनका बेटा एकदम स्वस्थ था। वहीं उनका कहना है कि हत्या के मामले में भी उनके बेटे को फंसाया गया था। इस मामले में 28 जुलाई को न्यायालय में तारीख थी और उस दिन फैसला आने की भी संभावना थी। जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु ने बताया है शव को पोस्टीमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी। घटना में दोषी को बख्शाऔ नहीं जाएगा। चौरहटा कांड जिले का सबसे चर्चित कांड था। इस में एक की परिवार के पांच लोगों की हत्या की गयी थी। जिन लोगों की हत्या की गयी थी वह विजय गुप्ताा के बुआ का परिवार था। जिसमें विजय की बुआ, उसके फुफा और दो बेटियों के साथ उनकी एक एक पोती शामिल थी। यह हत्यावकांड रोंगटे खडे कर देने वाला था।