पाक नागरिक जावेद के ISI एजेंट होने के संकेत, रिमांड मिलने पर खुलासा संभव

पाकिस्तानी नागरिक जावेद को कोर्ट में पेश करने ले जाती पुलिस।
पाकिस्तानी नागरिक जावेद को कोर्ट में पेश करने ले जाती पुलिस।
गोरखपुर. भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर बीती 23 अक्टूबर को पकड़े गए पाकिस्तान के नागरिक कमाल जावेद के आईएसआई एजेंट होने के संकेत मिले हैं। बताया जा रहा है कि जावेद को काशी और अन्‍य जिलों में मौजूद स्‍लीपर सेल को एक्टिवेट करने का काम सौंपा गया है। इस काम में जावेद के कुछ साथी यूपी के अन्‍य जिलों में भी पहुंच चुके हैं। पाकिस्तान में जावेद के सभी दस्तावेज फर्जी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा। रिमांड मिलने के बाद पूछताछ के लिए एनआईए, एटीएस, रॉ और आईबी के अफसर महराजगंज पहुंच गए हैं। पूछताछ में उसके आईएसआई एजेंट या किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने के तारों का खुलासा होने की संभावना है। बता दें कि जावेद के बारे में कहा जा रहा है कि वह पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की रेकी करने आया था।
बताते चलें कि कमाल जावेद की पुलिस कस्टडी रिमांड मंगलवार को कुछ विशेष कारणों से नहीं हो सकी। पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए अब जावेद को बुधवार 28 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट महराजगंज में पेश किया जाना है। उधर, उससे पूछताछ के लिए एनआईए, दिल्ली और वाराणसी से आईबी टीम, रॉ, एटीएस, लोकल इंटेलीजेंस यूनिट, पुलिस के अधिकारी पूछताछ के लिए महराजगंज में डटे हुए हैं। एसपी महराजगंज भारत सिंह के निर्देश पर अलर्ट जारी कर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर प्रत्येक आने-जाने वाले की सघन जांच शुरू कर दी गई है।
चक नंबर 76 जीबी फैसलाबाद निवासी जावेद कमाल के खतरनाक मंसूबे परत दर परत खुलते जा रहे हैं। फैसलाबाद के ही व्यवसायी अपने हम नाम डॉ. जावेद कमाल के शैक्षणिक प्रमाण पत्र वह लेकर आया था। सूत्रों की मानें तो बनारस को उसके आकाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के नाते ही चुना था। उसे मोदी के संभावित कार्यक्रम स्थलों की रेकी करनी थी। बताया जा रहा है कि जावेद 1996 से ही आईएसआई से जुड़कर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक जावेद के साथ पांच लोग भी थे। संभावना जताई जा रही है कि इसमें से कुछ लोग पहले ही दशहरा और मोहर्रम का लाभ उठाकर भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
भारत में फेसबुक फ्रेंड्स बना रहा था जावेद
आर्मी पेज को भी लाइक किया था। अभी तक उसका मोबाइल नहीं मिला है। उसके कुछ शरणदाताओं की भी तलाश है। बता दें कि नेपाल के तराई इलाके में सिमी, आईएम, हूजी और आईएसआई ने लंबे अर्से से ट्रांजिट प्वाइंट बना रखे हैं। इससे पहले भी तमाम आतंकी यहां से घुसपैठ करते रहे हैं। ये इलाका टॉप 20 में शामिल आतंकी अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आया था। आईएम का सरगना यासीन भटकल भी यहीं से पकड़ा गया था। वहीं, पंजाब का दुर्दांत आतंकी सुखविंदर सिंह भी यहीं से दबोचा जा चुका है।

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