पढ़िए , देखिये : जौनपुर के शाही पुल का इतिहास
https://www.shirazehind.com/2015/11/blog-post_722.html
जौनपुर। पीलीभीत जिले के गोमद ताल से निकलकर गांजीपुर जिले में गंगा की जलधारा में
पूरी तरह समाहित होने वाली आदि गंगा गोमती नदी पर स्थापित इस शाही पुल का
निमार्ण महान बादशाह अकबर के शासनकाल में सन् 1564 में मुनइन खानखाना ने
करवाया था। यह भारत में अपने ढंग का अनूठा पुल हैं और इसकी मुख्य सड़क
पृथवी तल पर बनाया गया हैं। इस पुल की सुन्दरता में चार चांद लगा रही हैं
यह गुमटियां। यह गोमटियां बनी थी शहरवासिंयो को मनोहारी दृष्य और ताजी हवा
लेने के लिए। लेकिन वर्तमान समय में कुछ दुकानदारो ने अतिक्रमण कर अपने
जीवन यापन का जरिया बना लिया हैं।
अपनी जिन्दगी की छः सौ वर्ष पूरा कर चुका यह पुल सैकड़ो बाढ़ और तुफान भी इसका बालबाका नही कर सका। आज भी यह जौनपुर और बाहर से आने जाने वालो की गाडि़यों बोझ अपने मजबूत स्तंभो पर ढ़ो रहा हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक भी इसकी खूबसूरती के कायल है तभी तो जो इसको देखता हैं उसके जुबां से बस एक ही अल्फाज निकलता है वनडरफुल।
सभार : डॉ 0 सज़ल सिंह इतिहासकार
अपनी जिन्दगी की छः सौ वर्ष पूरा कर चुका यह पुल सैकड़ो बाढ़ और तुफान भी इसका बालबाका नही कर सका। आज भी यह जौनपुर और बाहर से आने जाने वालो की गाडि़यों बोझ अपने मजबूत स्तंभो पर ढ़ो रहा हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक भी इसकी खूबसूरती के कायल है तभी तो जो इसको देखता हैं उसके जुबां से बस एक ही अल्फाज निकलता है वनडरफुल।
सभार : डॉ 0 सज़ल सिंह इतिहासकार