प्रत्याशियों ने पकड़ी पगडंडियों की राह, मतदाता व वोट के ठेकेदार ले रहे है दावतों में भाग
https://www.shirazehind.com/2015/11/blog-post_870.html
जफराबाद। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन अन्तर्गत चुनाव की तारीख अर्थात मतदान की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है, त्यों-त्यों प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों के दिल की धड़कने तेज होती जा रही है। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2015 के ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत संदस्य के द्वितीय चरण में सिरकोनी विकास खण्ड क्षेत्र के प्रधानों एवं ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव आगामी 01 दिसम्बर 2015 को होने हैं। सिरकोनी विकास खण्ड के प्रत्याशियों ने चुनाव की तिथि नजदीक आते देख क्षेत्र में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशीगण क्षेत्र में दिखे चाहे न दिखे परन्तु इस समय प्रत्याशियों ने पगड़डियों की राह पकड़ ली है और चुनाव जीतने हेतु एड़ी चोटी एक कर दिया है।
एक तरफ जहां त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशीगण मतदाताओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के मतदाता भी चुप्पी साधे हुए प्रत्याशियों द्वारा आयोजित दावतों का खूब आनन्द ले रहे हैं। क्षेत्र में शराब पैसा बंटना तो आम बात सी हो गयी है। आर्थिक रूप से सम्पन्न प्रत्याशियों द्वारा रूपया पानी की तरह बहाया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग का हवाला देते हुए पुलिस ने भले ही मकानों, दुकानों, पेड़ों आदि पर लगे बैनर, होर्डिेंग बोर्ड आदि उतरवा दिया हो, परन्तु क्षेत्र में मकानों के दीवार, चहारदीवारी वगैरह सब चुनावी पोस्टरों से पटे हुए है। चुनावी पोस्टरों को देखकर कभी कभी तो मतदाता भ्रम में पड़ जा रहे हैं कि कौन व्यक्ति किस पद का और किस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा है।
एक तरफ जहां त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशीगण मतदाताओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के मतदाता भी चुप्पी साधे हुए प्रत्याशियों द्वारा आयोजित दावतों का खूब आनन्द ले रहे हैं। क्षेत्र में शराब पैसा बंटना तो आम बात सी हो गयी है। आर्थिक रूप से सम्पन्न प्रत्याशियों द्वारा रूपया पानी की तरह बहाया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग का हवाला देते हुए पुलिस ने भले ही मकानों, दुकानों, पेड़ों आदि पर लगे बैनर, होर्डिेंग बोर्ड आदि उतरवा दिया हो, परन्तु क्षेत्र में मकानों के दीवार, चहारदीवारी वगैरह सब चुनावी पोस्टरों से पटे हुए है। चुनावी पोस्टरों को देखकर कभी कभी तो मतदाता भ्रम में पड़ जा रहे हैं कि कौन व्यक्ति किस पद का और किस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा है।

