जौनपुर के झझरी मस्जिद का इतिहास , पढ़िए क्या लिखा है मस्जिद के दीवार पर
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खण्डहर बता रहे है कि कभी यह इमारत बुलंद थी...... ये पक्तियां
सुल्तान इब्राहीमशाह द्वारा बनवायी गयी इस झझरी मस्जिद पर सटीक बैठती
हैं। इब्राहीमशाह ने इस मस्जिद का निमार्ण सै0 सद्र जहां अजमल की सुविधा
के लिए सिपाह मोहल्ले में बनवाया था। अजमल सुल्तान इब्राहिमशाह शर्की के
प्रधानमंत्री हुआ करते थे। लेकिन शर्की इमारतो का जानी दुश्मन सिंकन्दर
लोदी इस खुब सूरत मस्जिद को भी बुरी तरह तोड़वा डाला इसका मलबा गोमती नदी
के बाढ़ में बह गया बाकी बचे पत्थरों का प्रयोग मुनीम खां ने शाही पुल के
निर्माण में प्रयोग करवा दिया। जो अवशेष स्क्रिन पर दिखाई पड़ रही है वह
मस्जिद की पिछली दिवार हैं। इस दिवार को पत्थरों को तरासकर झझरीदार बनायी
गयी हैं। इसी कारण से इसे झझरी मस्जिद कहा जाता हैं। जब इतनी खूबसूरत और
मनमोहक पिछली दिवार हैं तो मेन गेट कितना सुन्दर होगा यह तो यह दीवार ही
बता रही हैं।
मुख्य मेहराब पर पत्थर को तरासकर अरबी भाषा में
लिखा गया हैं कि अल्लाह पाक ऐसा है कि उसके सिवाय इबात के लायक नही हैं। वह
जिन्दा हैं। सम्पूर्ण संसार को सम्भालने वाला हैं उसको न ऊॅध दबा सकती है
और न नींद। आसमानो और जमीनो में जो कुछ भी सब उसके स्वामित्व में आता हैं।
ऐसा कौन व्यक्ति है जो बीना उनकी अनुमति के किसी की सिफारिष कर सके। वह
प्रत्येक का वर्तमान और भविष्य जानता हैं। कोई भी बिना उसकी कृपा से किसी
तथ्य को नही जान सकता। जिसको वह चाहे इसका ज्ञान दे सकता है। उसके सिहांसन
ने समस्त आसमान और जमीन को अपने अन्दर ले रखा है। अल्लाह पाक को जमीन और
आसमान की सुरक्षा भारी नही पड़ती। वह सर्वोच महिमा युक्त हैं। धर्म में कोई
जबरदस्ती नही हैं। इस लिए बेहतर है कि जिस व्यक्ति को ईश्वर से लगाव तथा
दुष्ट प्रवृत्ति का प्रतिक शौतान से दुराव हो वह अवश्य ही एक अच्छे गिरोह
में सम्मिलित हैं। ऐसे मनुष्य को किसी प्रकार की कोई चिन्ता नही होगी।
अल्लाह सब सुनने और जानने वाला हैं।