....और दूसरे दिन भी नहीं जल सका रिटायर्ड पुलिस जवान की लाश
https://www.shirazehind.com/2015/12/blog-post_28.html
![]() |
| फाइल फोटो |
पत्नी को पेरोल पर जेल से न रिहा करने के कारण रिटायर्ड पुलिस जवान का शव पोस्टमार्टम के दूसरे दिन सोमवार को भी नहीं जलाई जा सकी, और शव रामघाट पर पड़ी रही। ग्रामीणों की मांग है कि जब तक रिटायर्ड पुलिस जवान की पत्नी को पेरोल पर नहीं छोड़ा जायेगा तब तक उसकी लाश नहीं जलाई जायेगी। रिटायर्ड पुलिस जवान का शव पोस्टमार्टम के बाद रविवार से रामघाट पर पड़ा हुआ है। मालूम हो कि बीते शुक्रवार को रात्रि में जफराबाद थाना क्षेत्र के मड़ैया गांव निवासी रिटायर्ड पुलिस जवान फौजदार चौहान की समुचित इलाज के अभाव में मौत हो गयी थी जिसके कारण गांव में मातम छा गया। एक दिसम्बर को हुए चुनावी हिंसा के बाद से ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा बरपाई जा रही कहर के कारण कोई भी ग्रामीण मृतक पुलिस कांस्टेबल के अंतिम संस्कार के लिए सामने नहीं आ रहा था। पड़ोसी गांव हौज खास के रतन सिंह परमार की सूचना पर भाजपा नेता डा0 हरेन्द्र प्रताप सिंह मछलीशहर के सांसद प्रतिनिधि विजय चन्द्र पटेल तथा पूर्व सांसद तूफानी सरोज मड़ैया गांव पहुॅचे। जनप्रतिनिधियों ने थानाध्यक्ष जफराबाद से मोबाईल से फोन करके अन्तिम संस्कार में शामिल होने वालों पर कोई कार्यवाही न करने की बात कही। उधर मड़ैया के ग्रामीणों ने फौजदार चौहान का अंतिम संस्कार तब तक न किये जाने निर्णय कि जब कि उसकी पत्नी आशा देवी को पेरोल पर छोड़ा नहीं जायेगा और फौजदार चौहान का पोस्टमार्टम नहीं कराया जायेगा। थानाध्यक्ष जफराबाद ने ग्रामीणों की मांग पर रविवार को फौजदार चौहान का पोस्टमार्टम कराकर शव उसके परिजनों को सौंप दिया, परन्तु मृतक की पत्नी आशा देवी को पेरोल पर नहीं छोड़ा गया जिसके कारण रविवार से रिटायर्ड पुलिस जवान फौजदार चौहान का शव रामघाट पर पड़ा हुआ है और लोग उसकी पत्नी की राह देख रहे हैं। रामघाट पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन मृतक की पत्नी आशा देवी को पेरोल पर रिहा नहीं किया जायेगा तब फौजदार के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा। समाचार लिखे जाने तक पत्नी के अभाव के कारण शव नहीं जलाया जा सका, यह घटना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

