पढ़िए जौनपुर के ज़ामा मस्ज़िद (बड़ी मस्ज़िद ) का इतिहास

फोटो :  बादल चक्रवर्ती
जौनपुर के उमर खां मोहल्ले में स्थ्ति यह मस्जिद सभी मस्जिदो में सर्वश्रेष्ठ है जामी उस-शर्क मस्जिद यानी बड़ी मस्जिद। । इसकी बुनियाद सुल्तान इब्राहिमशाह शर्की ने 1438 ई0 में डाली थी। अफसोस की बात यह रहा कि इस पवित्र इमारत की नींव पड़ते ही इब्राहिमशाह की मौत हो गयी। इसका निमार्ण शर्की शासन का अंतीम सम्राट हुसैनशाह शर्की ने 1478ई0 में कराया था। यह मस्जिद काफी विस्तृत, आकर्षण, और कलात्मक हैं। इस मस्जिद के ऊपर तक पहुंचने के लिए 27 सीढि़यां हैं। इसका दक्षिणी द्वार पृथवी तल से 20 फीट ऊॅचा हैं। मस्जिद के भीतर इस प्रागण की लम्बाई 219 और चैड़ाई 217 फीट हैं। मस्जिद के प्रत्येक दिशा में फाटक है। मस्जिद की सजावट, मिश्री शैली के बेल-बूटो, मेहराबो को गोलाइयों, कमल, सूर्यमुखी, और गुलाब के फूलो का वैचित्रय, जाली सभी पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पूर्वी फाटक को सिकन्दर लोदी ने ध्वस्त करवा दिया था। जौनपुर के मौलाना जफर साहब के देखरेख में पुनः निर्माण हुआ।
सभार : डॉ 0 सज़ल सिंह



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