* गांव की तस्वीर बदलने के लिये युवाओं ने उठाया बीड़ा
https://www.shirazehind.com/2016/01/blog-post_844.html
राममूर्ति यादव
राजनीति और जातीय भेदभाव से दूर रहेगी टीम
खेतासराय (जौनपुर)।न मन में कोई लालच है न कोई स्वार्थ।और न ही किसी का सहयोग प्राप्त है।बस मन में एक ही सोच है गांव की तरक्की और खुशहाली का।यह भावना है तारगहना गांव के युवाओं में।गांव की तस्वीर बदलने का जज्बा लिये इन युवाओं ने एक टीम गठित कर अपने दम पर गांव को संवारने का बीड़ा उठा लिया।
शाहगंज ब्लाक का ग्राम पंचायत तारगहना पौने तीन हजार आबादी वाला गांव है।जिसमें बिन्द और सोनकर परिवार के लोग रहते हैं।गांव में शिक्षा के नाम पर एक प्राथमिक विद्यालय है।गांव का विकास हो और लोगों में भाईचारा व एकता कायम हो।इसके लिये दवा वितरण कर रोजी रोटी चलाने वाले युवक सर्वेश कुमार बिन्द ने एक पहल की।इस युवक ने बीते दिसम्बर महीने में युवा यूनियन एकता समिति के नाम से 80 युवाओं की एक टीम गठित की।जिसमें कोई मजदूरी करता है तो कोई निजी व्यवसाय।
टीम गठित करने के दौरान यह शर्त रखी गयी कि टीम में वही लोग शामिल होंगे, जिनका राजनीत से कोई सरोकार न हो।और दिल में किसी प्रकार का भेदभाव न हो।गठन के बाद टीम के सामने आर्थिक समस्या उभर कर आयी तो प्रतिदिन हर सदस्य द्वारा अपने पास से दो रुपये जमा करने का स्वेच्छा से निर्णय लिया गया।अपने खर्चे से अब हर सदस्य रोज दो रुपये पेटिका में जमा करता है।कभी-कभी कोई सदस्य स्वेच्छा से पचास या सौ रुपये कर देता है।
अस्सी सदस्यों वाली यह टीम रोज सायं सात बजे से आठ बजे तक बैठक करती है।और दूसरे दिन सुबह पूरी टीम काम पर जुट जाती है।नौ बजे तक गांव में काम करने के बाद सभी अपने अपने रोजी रोटी में लग जाते हैं।टीम गठन के बाद सदस्यों ने पहले बीस वर्षों से अधूरे पड़े गांव के नाले की पुलिया बनाने की सोची।और टीम ने जरूरत के लिये दो और ह्यूम पाइप नाले में लगाकर लोगों को आने जाने के लिये परिश्रम करके बना डाला।
युवाओं की इस टीम ने गांव के चालीस जरूरमन्द गरीबों को ठण्ड से बचाव के लिये कम्बल दिया।हर पन्द्रह दिन पर पूरी टीम एक साथ गांव में सड़क व रास्तों की साफ सफाई करती है।गांव में जाने वाली सड़क के टूटे स्थानों पर मिट्टी डालकर मरम्मत कर दिया गया।गांव के स्कूल व मन्दिर में साफ सफाई कर फूल के पौधे लगा दिये गये।गांव में जुआ और नशा जैसी समाजिक बुराइयों को दूर करने में टीम जुट गयी है।इसके लिये जरुरत पड़ने पर पुलिस प्रशासन का सहयोग भी टीम लेती है।गरीबों की मदद करना और गरीब परिवार की शादी विवाह का खर्च उठाना टीम की प्राथमिकता में है।
समिति के अध्यक्ष सर्वेश कुमार बिन्द का कहना है गांव खुशहाल तभी होगा जब लोगों में एकता होगी।लोगों को एक सूत्र में जोड़ने का वह अपनी टीम के साथ लगे हैं।और गांव को एक आदर्श गांव के रूप में बनाने के सपने को वह साकार करना चाहते हैं।युवाओं के इस नेक पहल की गाव में काफी चर्चा है।
राजनीति और जातीय भेदभाव से दूर रहेगी टीम
खेतासराय (जौनपुर)।न मन में कोई लालच है न कोई स्वार्थ।और न ही किसी का सहयोग प्राप्त है।बस मन में एक ही सोच है गांव की तरक्की और खुशहाली का।यह भावना है तारगहना गांव के युवाओं में।गांव की तस्वीर बदलने का जज्बा लिये इन युवाओं ने एक टीम गठित कर अपने दम पर गांव को संवारने का बीड़ा उठा लिया।
शाहगंज ब्लाक का ग्राम पंचायत तारगहना पौने तीन हजार आबादी वाला गांव है।जिसमें बिन्द और सोनकर परिवार के लोग रहते हैं।गांव में शिक्षा के नाम पर एक प्राथमिक विद्यालय है।गांव का विकास हो और लोगों में भाईचारा व एकता कायम हो।इसके लिये दवा वितरण कर रोजी रोटी चलाने वाले युवक सर्वेश कुमार बिन्द ने एक पहल की।इस युवक ने बीते दिसम्बर महीने में युवा यूनियन एकता समिति के नाम से 80 युवाओं की एक टीम गठित की।जिसमें कोई मजदूरी करता है तो कोई निजी व्यवसाय।
टीम गठित करने के दौरान यह शर्त रखी गयी कि टीम में वही लोग शामिल होंगे, जिनका राजनीत से कोई सरोकार न हो।और दिल में किसी प्रकार का भेदभाव न हो।गठन के बाद टीम के सामने आर्थिक समस्या उभर कर आयी तो प्रतिदिन हर सदस्य द्वारा अपने पास से दो रुपये जमा करने का स्वेच्छा से निर्णय लिया गया।अपने खर्चे से अब हर सदस्य रोज दो रुपये पेटिका में जमा करता है।कभी-कभी कोई सदस्य स्वेच्छा से पचास या सौ रुपये कर देता है।
अस्सी सदस्यों वाली यह टीम रोज सायं सात बजे से आठ बजे तक बैठक करती है।और दूसरे दिन सुबह पूरी टीम काम पर जुट जाती है।नौ बजे तक गांव में काम करने के बाद सभी अपने अपने रोजी रोटी में लग जाते हैं।टीम गठन के बाद सदस्यों ने पहले बीस वर्षों से अधूरे पड़े गांव के नाले की पुलिया बनाने की सोची।और टीम ने जरूरत के लिये दो और ह्यूम पाइप नाले में लगाकर लोगों को आने जाने के लिये परिश्रम करके बना डाला।
युवाओं की इस टीम ने गांव के चालीस जरूरमन्द गरीबों को ठण्ड से बचाव के लिये कम्बल दिया।हर पन्द्रह दिन पर पूरी टीम एक साथ गांव में सड़क व रास्तों की साफ सफाई करती है।गांव में जाने वाली सड़क के टूटे स्थानों पर मिट्टी डालकर मरम्मत कर दिया गया।गांव के स्कूल व मन्दिर में साफ सफाई कर फूल के पौधे लगा दिये गये।गांव में जुआ और नशा जैसी समाजिक बुराइयों को दूर करने में टीम जुट गयी है।इसके लिये जरुरत पड़ने पर पुलिस प्रशासन का सहयोग भी टीम लेती है।गरीबों की मदद करना और गरीब परिवार की शादी विवाह का खर्च उठाना टीम की प्राथमिकता में है।
समिति के अध्यक्ष सर्वेश कुमार बिन्द का कहना है गांव खुशहाल तभी होगा जब लोगों में एकता होगी।लोगों को एक सूत्र में जोड़ने का वह अपनी टीम के साथ लगे हैं।और गांव को एक आदर्श गांव के रूप में बनाने के सपने को वह साकार करना चाहते हैं।युवाओं के इस नेक पहल की गाव में काफी चर्चा है।

