पत्रकार राजनीति का हिस्सा न बने : प्रबल प्रताप सिंह
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आजमगढ़। मीडिया आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम मीडिया समग्र
मंथन-2016 केे पहले दिन भारतीय मीडिया की दशा-दिशा तथा चुनौतियों एवं
मीडिया में जन सामान्य की सहभागिता, जिम्मेदारी एवं जवाबदेही विषय पर
परिसंवाद एवं मंथन हुआ। वक्ताओं ने मीडिया के विविध आयामों पर अपनी बात
रखी। उद्घाटन सत्र में इलेक्ट्रानिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार एवं भारत के
प्रथम युद्ध संवाददाता प्रबल प्रताप सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि
भारतीय मीडिया तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए आम आदमी के दर्द को
राष्ट्रीय मंच पर पहुंचाने में सफल है। लेकिन पिछली कई घटनाओं की
रिपोर्टिंग ने पत्रकारिता पर सवाल उठा दिए है। यह गंभीर दौर है, चिंतन का
दौर है। उन्होंने कहा कि पत्रकार राजनीति का हिस्सा न बने । ऐसा करने पर हम
अपने पेशे से न्याय नहीं कर पाते हैं। बतौर मुख्य अतिथि सांसद नीलम सोनकर
ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आज ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक जो
सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने
की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के दौरान शहीद होने वाले
पत्रकारों के परिवारों सरकारी स्तर पर सहायता मिलनी चाहिए।
उच्च
शिक्षा एवं शोध संस्थान दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, हैदराबाद की
शिक्षिका डा. जी नीरजा ने कहा कि मीडिया को जनतांत्रिक व्यवस्था का पक्षधार
होना चाहिए। आज मीडिया व राजनीति का जो गठबंधन दिखता है। वह ठीक नहीं है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रशासनिक अधिकारी गोपाल दास नीरज ने कहा कि
पत्रकारिता सदैव चुनौतियों का सामना करती रही है। आजादी के पूर्व भी और आज
आजादी के बाद भी।
मीडिया विशेषज्ञ डा. पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने
कहा कि पत्रकारिता में आयी गिरावट के लिए सभी जिम्मेदार है। पाठक भी अपनी
जिम्मेदारी कहा निभा रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने
कहा कि पत्रकारिता के कोख में निरन्तर सुधार रहा। टी आर पी चक्कर में
वास्तविक तथ्यों की अनदेखी पर चिंता जाहिर की।
सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि निडर पत्रकारिता करने वालों के नैतिक मूल्य आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं।
समाजवादी
चिंतक विजय नारायण ने कहा कि जनता के मांग के अनुरूप मीडिया काम करती है।
राजनीति में सकारात्मक आन्दोलनों को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया है।
प्रबंधन और पत्रकारा के हितों का टकराव आज चिंता का विषय है।
अध्यक्षीय
संबंधों में उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा
हैदराबाद के पूर्व अध्यक्ष प्रो.ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि मीडिया से जुड़े
लोगों को आज आत्मावलोचन करने की जरूरत है। उन्होंने कविता के माध्यम से
उम्मीद की कि बादलों पर अब उगलेंगे धूप के अक्षर, सूर्य का अंकुर धरा में
कुलबुलाता है।
वक्ताओं से डा. माधुरी सिंह, डा. रविन्द्र राय,
सुभाष चन्द्र सिंह, बृजेश सिंह, अंकित सिंह, हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव आदि
ने कई प्रश्न किये। इसके पूर्व मुख्य अतिथि सांसद नीलम सोनकर ने अतिथियों
के साथ दीप प्रज्जवलन का कार्यक्रम की शुरूआत की। पत्रकार अरविन्द सिंह,
बीरेन्द्र सिंह, दीपनारायण मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, प्रणीत
श्रीवास्तव, सरिता सिंह, पूनम श्रीवास्वत, निरूपमा श्रीवास्तव ने कार्यक्रम
में आये अतिथियों का माल्र्यापण व बैच लगाकर स्वागत किया। शार्प रिपोर्टर
पत्रिका के पत्रकारिता विशेष के तलवार की धार पर मीडिया का लोकार्पण किया
गया। कार्यक्रम का संचालन अमर त्यागी एवं धन्यवाद ज्ञापन अरविन्द कुमार
सिंह ने किया।
इस अवसर पर शीला श्रीवास्तव, दिवाकर सिंह, संजय
श्रीवास्तव, सुरेन्द्र सिंह, उमाशंकर सिंह, उमेश सिंह, राजीव सिंह, प्रवीण
सिंह, बृजभूषण अग्रवाल, अमरजीत राय, आशुतोष सिंह, डा. मधुर नज्मी, विजय
बहादुर राय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।