डीएम के आदेश का आज तक नही हो सका पालन, जिम्मेदार अधिकारी आरोपी को लाभ पहुंचाने में जुटे
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जौनपुर। जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी और एसडीएम सदर के आदेश के बाद भी आज तक खण्डजां उखाड़कर गेट लगाने वालो के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नही हो सकी है। जबकि एसडीएम ने साफ आदेश दिया है कि बंद किये गये सरकारी रास्ता को तुरन्त कब्जे को ध्वस्त करके आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाय। तहसील कर्मचारी और पुलिस प्रशासन निजी लाभ के चलते डीएम और एसडीएम के आदेश को ताख पर रख दिया है । उधर पीड़ित न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार लाईनबाजार थाना क्षेत्र के बंशगोपालपुर गांव के निवासी रामशिरोमणि पटेल ने एसडीएम सदर से लिखित शिकायत किया कि हमारे पड़ोसी नागेद्र महेन्द्र ने रास्ते का खण्डंजा उखाकर पूरे रास्ते को कब्जा करके गेट लगा दिया है जिसके कारण हमारे आने जाने का रास्ता बंद हो गया है। एसडीएम ने पूरे मामले की जांच कराया तो आरोप सही मिला। एसडीएम तहसील प्रशासन को बीत 27 मई को साफ आदेश दिया कि रास्ते को बंद करके गेट लगाये गये गेट को ध्वस्त कराकर आरोपी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करायी जाय। आदेष मिलने के बाद तहसील कर्मचारी कोई न कोई बहाना बनाकर आदेश का पालन नही करा रहे है। आज सूबह पीड़ित द्वारा दबाव बनाया गया तो नायब तहसीलदार लाईनबाजार थाने की पुलिस लेकर पहुंचे तो महिलाओ के सामने आने के कारण पूरी टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस वेगैर महिला कास्टेबल को साथ लेकर क्यों नही गयी। सूत्रो से पता चला है कि तहसील प्रशासन और पुलिस दोनो कब्जेदार से मोटी रकम लेकर कार्रवाई नही करना चाहती है। दोनो की मंशा है कि किसी तरह से जून का महिना समाप्त हो जिससे दीवानी न्यायालय खुलते ही कब्जेदार दीवानी न्यायालय से स्टे आर्डर प्राप्त कर ले।
मिली जानकारी के अनुसार लाईनबाजार थाना क्षेत्र के बंशगोपालपुर गांव के निवासी रामशिरोमणि पटेल ने एसडीएम सदर से लिखित शिकायत किया कि हमारे पड़ोसी नागेद्र महेन्द्र ने रास्ते का खण्डंजा उखाकर पूरे रास्ते को कब्जा करके गेट लगा दिया है जिसके कारण हमारे आने जाने का रास्ता बंद हो गया है। एसडीएम ने पूरे मामले की जांच कराया तो आरोप सही मिला। एसडीएम तहसील प्रशासन को बीत 27 मई को साफ आदेश दिया कि रास्ते को बंद करके गेट लगाये गये गेट को ध्वस्त कराकर आरोपी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करायी जाय। आदेष मिलने के बाद तहसील कर्मचारी कोई न कोई बहाना बनाकर आदेश का पालन नही करा रहे है। आज सूबह पीड़ित द्वारा दबाव बनाया गया तो नायब तहसीलदार लाईनबाजार थाने की पुलिस लेकर पहुंचे तो महिलाओ के सामने आने के कारण पूरी टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस वेगैर महिला कास्टेबल को साथ लेकर क्यों नही गयी। सूत्रो से पता चला है कि तहसील प्रशासन और पुलिस दोनो कब्जेदार से मोटी रकम लेकर कार्रवाई नही करना चाहती है। दोनो की मंशा है कि किसी तरह से जून का महिना समाप्त हो जिससे दीवानी न्यायालय खुलते ही कब्जेदार दीवानी न्यायालय से स्टे आर्डर प्राप्त कर ले।