पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिक्षको ने भरी हुकार
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जौनपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय कार्यकारिणी के आह्वाहन पर सम्पूर्ण प्रदेश में आज जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रदेश व केन्द्र सरकार द्वारा अनेक शिक्षक व कर्मचारी विरोधी निर्णय लेने के कारण उसको दृष्टिगत रखते हुये जनपद के शिक्षक/कर्मचारी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर बहुत भारी संख्या में अध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह की अध्यक्षता में उपस्थित होकर धरना-प्रदर्शन के माध्यम से चेतावनी देते हुये सरकार के खिलाफ आक्रोश ब्यक्त किया। उपस्थित वक्ताओं ने एक स्वर से प्रदेश सरकार को कोसते हुये अपनी 6 सूत्रीय मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को सौंपा।
धरना स्थल पर संगठन के प्रदेश मंत्री व आगामी संघर्ष के कार्यक्रमों के वाराणसी मण्डल के प्रभारी रमेश सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि अब पुरानी पेंशन बहाली संगठन की प्रथम मांग है। इसको पुनः प्राप्त करने के लिए हम संकल्पित हैं तथा सातवें वेतनमान की विसंगति को दूर कराने के लिए हमारा संगठन 10, 11 व 12 अगस्त को संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद के साथ सम्पूर्ण प्रदेश में कलम बन्द हड़ताल करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के अपनी चुनावी घोषणा-पत्र में उल्लेख किये गये हमारे वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने के वायदे को शीध्र पूर्ण न करना बहुत ही निन्दनीय कृत्य है।यदि इसके पश्चात भी सरकार ने इन ज्वलंत समस्याओं का निराकरण नहीं किया तो उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ आगामी 1 सितम्बर को लखनऊ पहुंच कर विधान भवन घेर कर सरकार को मांगे मानने के लिए विवश करेंगे।
मण्डलीय मंत्री डा0 प्रमोद श्रीवास्तव व पूर्व अध्यक्ष डा0 राकेश सिंह ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों/कर्मचारियों को भी राजकीय कर्मचारियों की भांति चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाय तथा साथ ही साथ माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशकों को संविदा शिक्षक के रुप में समायोजित किया जाय तथा व्यवसायिक शिक्षको को शिक्षक के पद पर आमेलित किया जाय।
अध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार ने जान-बूझकर तदर्थ शिक्षकों के विनियमितिकरण में विसंगति पैदा की है जो शिक्षकों के साथ धोखा है। उन्होंने स्थानीय समस्याओं की ओर इंगित करते हुये कहा कि प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षा के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का 2016 तक का कुल धन मई माह में ही अवमुक्त कर दिया है। लेकिन कार्यालय की घोर लापरवाही के कारण आज तक परीक्षकेां के खाते में उनका पैसा प्राप्त नही हो सका।
जिलामंत्री सुधाकर सिंह ने संचालन करते हुये कहा कि विगति मई माह से ही जनपद के शिक्षक/कर्मचारियों का वेतन सही समय से उन्हें नही प्राप्त हो हो रहा है। जो कार्यालयीय कार्यप्रणाली की निरंकुशता को प्रकट करता है। यदि यही रवैया बना रहा तो संगठन कार्यालय में तालाबंदी के लिए विवश होगा। वक्ताओं में प्रमुख रुप से प्रान्तीय कार्यसमिति के संरक्षक सदस्य संकठा प्रसाद सिंह, शिक्षणेत्तर संघ के जनपदीय अध्यक्ष दिनेश सिंह, महामंत्री साहब लाल यादव, राजेश मिश्र, सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरुण सिंह, शशि प्रकाश मिश्र, अतुल सिंह, विजय बहादुर यादव, रविन्द्र प्रसाद मिश्र, चन्द्र प्रकाश दूबे, डा0 रणजीत सिंह, समर बहादुर सिंह, प्रेम बहादुर सिंह, राणा प्रताप सिंह, मो0 आजम खां, सतीश सिंह, प्रमोद सिंह, दिलीप सिंह, सुनील सिंह, अजय प्रकाश, राम अचल यादव, हृदय नारायण उपाध्याय, सुरेश यादव, इन्द्रपाल सिंह, राजकुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
धरना स्थल पर संगठन के प्रदेश मंत्री व आगामी संघर्ष के कार्यक्रमों के वाराणसी मण्डल के प्रभारी रमेश सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि अब पुरानी पेंशन बहाली संगठन की प्रथम मांग है। इसको पुनः प्राप्त करने के लिए हम संकल्पित हैं तथा सातवें वेतनमान की विसंगति को दूर कराने के लिए हमारा संगठन 10, 11 व 12 अगस्त को संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद के साथ सम्पूर्ण प्रदेश में कलम बन्द हड़ताल करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के अपनी चुनावी घोषणा-पत्र में उल्लेख किये गये हमारे वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने के वायदे को शीध्र पूर्ण न करना बहुत ही निन्दनीय कृत्य है।यदि इसके पश्चात भी सरकार ने इन ज्वलंत समस्याओं का निराकरण नहीं किया तो उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ आगामी 1 सितम्बर को लखनऊ पहुंच कर विधान भवन घेर कर सरकार को मांगे मानने के लिए विवश करेंगे।
मण्डलीय मंत्री डा0 प्रमोद श्रीवास्तव व पूर्व अध्यक्ष डा0 राकेश सिंह ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों/कर्मचारियों को भी राजकीय कर्मचारियों की भांति चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाय तथा साथ ही साथ माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशकों को संविदा शिक्षक के रुप में समायोजित किया जाय तथा व्यवसायिक शिक्षको को शिक्षक के पद पर आमेलित किया जाय।
अध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार ने जान-बूझकर तदर्थ शिक्षकों के विनियमितिकरण में विसंगति पैदा की है जो शिक्षकों के साथ धोखा है। उन्होंने स्थानीय समस्याओं की ओर इंगित करते हुये कहा कि प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षा के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का 2016 तक का कुल धन मई माह में ही अवमुक्त कर दिया है। लेकिन कार्यालय की घोर लापरवाही के कारण आज तक परीक्षकेां के खाते में उनका पैसा प्राप्त नही हो सका।
जिलामंत्री सुधाकर सिंह ने संचालन करते हुये कहा कि विगति मई माह से ही जनपद के शिक्षक/कर्मचारियों का वेतन सही समय से उन्हें नही प्राप्त हो हो रहा है। जो कार्यालयीय कार्यप्रणाली की निरंकुशता को प्रकट करता है। यदि यही रवैया बना रहा तो संगठन कार्यालय में तालाबंदी के लिए विवश होगा। वक्ताओं में प्रमुख रुप से प्रान्तीय कार्यसमिति के संरक्षक सदस्य संकठा प्रसाद सिंह, शिक्षणेत्तर संघ के जनपदीय अध्यक्ष दिनेश सिंह, महामंत्री साहब लाल यादव, राजेश मिश्र, सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरुण सिंह, शशि प्रकाश मिश्र, अतुल सिंह, विजय बहादुर यादव, रविन्द्र प्रसाद मिश्र, चन्द्र प्रकाश दूबे, डा0 रणजीत सिंह, समर बहादुर सिंह, प्रेम बहादुर सिंह, राणा प्रताप सिंह, मो0 आजम खां, सतीश सिंह, प्रमोद सिंह, दिलीप सिंह, सुनील सिंह, अजय प्रकाश, राम अचल यादव, हृदय नारायण उपाध्याय, सुरेश यादव, इन्द्रपाल सिंह, राजकुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।