भदोही रेल हादसे को लेकर पूर्व मंत्री दीनानाथ भाष्कर का अनशन शुरु वैन चालक की ब्रेनपैपिंग कराने की उठायी मांग
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भदोही। जिले में पूर्वमंत्री एवं
भाजपा के बरिष्ठ नेता दीनानाथ भाष्कर रेल हादसे को लेकर औराई में क्रमिक
अनशन पर बैठ गए हैं। हलांकि इसके लिए प्रशासन ने पूर्व की अनुमति को निरस्त
कर दिया है। उनकी मांग है कि 25 जुलाई को औराई के कैयरम में हुआ रेल हादसा
एक साजिश थी। आरोपी स्कूली वैन चालक की ब्रेनपैपिंग होनी चाहिए। इसके
अलावा स्कूल प्रबंधक और दूसरों के खिलाफ इस मामले में जो मुकदमा दर्ज किया
गया है उसमें गिरफतारी होनी चाहिए। हलांकि उनकी उतफ से रेल हादसे के बाद से
ही घटना को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं जिसे सिर्फ राजनीति से प्रेरित नहीं
कहा जा सकता है। कसौटी पर कसने पर वह सच्चाई के करीब दिखती हैं।
पूर्वमंत्री दीनानाथ भाष्कर ने रेल हादसे को लेकर जो मांग उठायी है वह राजनीति से प्रेरित नहीं कही जा सकती है। क्योंकि जिन तीन बिंदूओं को उन्होंने प्रमुखता से उठाया है वे अपने आप में सवाल पैदा करती हैं। उन्होंने अपनी मांग में स्कूली वैन चालक राशिद की व्रेन पैपिंग कराने की मांग जिला प्रशासन से रखी है। इस संबंध में उनका तर्क है कि जिस दिन रेल हादसा हुआ था उस दिन चालक उन मासूम बच्चों को भी वैन में बैठा कर रेल लाइन के उस पार ले गया था जिन्हें वह रेलसमपार होने के बाद लेता था। जबकि उसने ऐसा कभी नहीं किया था। दूसरी बात कुछ बच्चों की टिफीन तैयार नहीं थी परिजनों ने चालक से कहा थोड़ा रुक जाइए। लेकिन उसने समय न होने का बहाना बनाया और वैन लेकर चल दिया। जबकि घटना स्थल पर पहुंच कर खड़ा रहा। पूर्वमंत्री का आरोप है कि वहां चालक के अलावा दो लोग और बाइक से थे जो पहले से वहां मौजूद थे उनकी तरफ से मासूम बच्चों को टाफियां बांटी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि टाफियां बांटने वाले वे संदिग्ध लोग कौन थे। अनजान लोगों की तरफ से टाफियां क्यों बांटी गयी। तीसरी सबसे अहम बात उन्होंने कहा कि रेल हादसे की जांच में चालक की तरफ से एक अहम तथ्य उजागर किया गया है जिसमें रेल चालक ने दावा किया है कि जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान चालक के पास तीन सेकेंड का पूरा वक्त था। इतने समय में दो गाड़िया समपार को पार कर सकती हैं। बकौल भाष्कर ने आरोप लगाया कि वैन चालक राशिद आधी वैन को रेल लाइन में घूसाने के बाद ब्रेक मार दिया और वैन से कूद गया अगर वह चाहता तो यह हादसा टल सकता था। इससे यह साबित होता है 25 जुलाई को भदोही के कैयरम में हुआ रेल हादसा एक संयोग नहीं साजिश थी। इसलिए चालक की ब्रेनपैपिंग करानी चाहिए। दूसरी बात स्कूल प्रबंधक सुरेंद्र बरनवाल और प्राचार्या कीर्तन कोकिला के समेत स्कूल प्रबंधन से जुड़े तीन लोगों को अभी तक मुकदमा पंजीकृत किए जाने के बाद भी नहीं गिरफतार किया गया। जबकि रेल हादसे को हुए 15 दिन का समय बीत चुका है। उन्होंने कहा कि उपजिलाधिकारी औराई ने पहले प्रदर्शन की अनुमति दिए थे लेकिन आज उन्होंने उसे निरस्त कर दिया। लेकन हम झुकने वाले नहीं है। दुर्गापूजा स्थल पर हमारा क्रमिक अनशन बुधवार से शुरु हो गया है यह स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त से आमरण अनशन में तब्दील हो जाएगा। हम अपने कई समर्थकों के साथ यहां अनशन कर रहे हैं जिला प्रशासन मेरे साथ कुछ भी कर सकता है। वह गिरफतारी से लेकर लाठीचार्ज तक करवा सकता है। उल्लेखनीय हो 25 जुलाई को कटका और माधोसिंह स्टेशनों के मध्य कैयरमउ मानवरहित रेल क्रासिंग पर सुबह 7ः37 बजे एक सवारी गाड़ी से स्कूली वैन टकरा गयी थी। जिसमें घोसिया के टेंडरहार्ट स्कूल के 17 बच्चे सवार थे। जिसमें आठ की घटना स्थल पर मौत हो गयी थी जबकि 09 की जिंदगी बच गयी थी। इस हादसे में वैन का चालक भी घायल हुआ था।
पूर्वमंत्री दीनानाथ भाष्कर ने रेल हादसे को लेकर जो मांग उठायी है वह राजनीति से प्रेरित नहीं कही जा सकती है। क्योंकि जिन तीन बिंदूओं को उन्होंने प्रमुखता से उठाया है वे अपने आप में सवाल पैदा करती हैं। उन्होंने अपनी मांग में स्कूली वैन चालक राशिद की व्रेन पैपिंग कराने की मांग जिला प्रशासन से रखी है। इस संबंध में उनका तर्क है कि जिस दिन रेल हादसा हुआ था उस दिन चालक उन मासूम बच्चों को भी वैन में बैठा कर रेल लाइन के उस पार ले गया था जिन्हें वह रेलसमपार होने के बाद लेता था। जबकि उसने ऐसा कभी नहीं किया था। दूसरी बात कुछ बच्चों की टिफीन तैयार नहीं थी परिजनों ने चालक से कहा थोड़ा रुक जाइए। लेकिन उसने समय न होने का बहाना बनाया और वैन लेकर चल दिया। जबकि घटना स्थल पर पहुंच कर खड़ा रहा। पूर्वमंत्री का आरोप है कि वहां चालक के अलावा दो लोग और बाइक से थे जो पहले से वहां मौजूद थे उनकी तरफ से मासूम बच्चों को टाफियां बांटी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि टाफियां बांटने वाले वे संदिग्ध लोग कौन थे। अनजान लोगों की तरफ से टाफियां क्यों बांटी गयी। तीसरी सबसे अहम बात उन्होंने कहा कि रेल हादसे की जांच में चालक की तरफ से एक अहम तथ्य उजागर किया गया है जिसमें रेल चालक ने दावा किया है कि जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान चालक के पास तीन सेकेंड का पूरा वक्त था। इतने समय में दो गाड़िया समपार को पार कर सकती हैं। बकौल भाष्कर ने आरोप लगाया कि वैन चालक राशिद आधी वैन को रेल लाइन में घूसाने के बाद ब्रेक मार दिया और वैन से कूद गया अगर वह चाहता तो यह हादसा टल सकता था। इससे यह साबित होता है 25 जुलाई को भदोही के कैयरम में हुआ रेल हादसा एक संयोग नहीं साजिश थी। इसलिए चालक की ब्रेनपैपिंग करानी चाहिए। दूसरी बात स्कूल प्रबंधक सुरेंद्र बरनवाल और प्राचार्या कीर्तन कोकिला के समेत स्कूल प्रबंधन से जुड़े तीन लोगों को अभी तक मुकदमा पंजीकृत किए जाने के बाद भी नहीं गिरफतार किया गया। जबकि रेल हादसे को हुए 15 दिन का समय बीत चुका है। उन्होंने कहा कि उपजिलाधिकारी औराई ने पहले प्रदर्शन की अनुमति दिए थे लेकिन आज उन्होंने उसे निरस्त कर दिया। लेकन हम झुकने वाले नहीं है। दुर्गापूजा स्थल पर हमारा क्रमिक अनशन बुधवार से शुरु हो गया है यह स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त से आमरण अनशन में तब्दील हो जाएगा। हम अपने कई समर्थकों के साथ यहां अनशन कर रहे हैं जिला प्रशासन मेरे साथ कुछ भी कर सकता है। वह गिरफतारी से लेकर लाठीचार्ज तक करवा सकता है। उल्लेखनीय हो 25 जुलाई को कटका और माधोसिंह स्टेशनों के मध्य कैयरमउ मानवरहित रेल क्रासिंग पर सुबह 7ः37 बजे एक सवारी गाड़ी से स्कूली वैन टकरा गयी थी। जिसमें घोसिया के टेंडरहार्ट स्कूल के 17 बच्चे सवार थे। जिसमें आठ की घटना स्थल पर मौत हो गयी थी जबकि 09 की जिंदगी बच गयी थी। इस हादसे में वैन का चालक भी घायल हुआ था।