खेतो की मेड़ बन्दी कर बचाए मृदा उर्वरता

जौनपुर। खेती के लिए मृदा की ऊपरी सतह की एक इंच मिट्टी के निर्माड़ मे दो हजार वर्ष का समय लगता है । खेतों की मेड़े न रहने से वर्षा जल के साथ खेती योग्य भूमि बह कर नदियों मे चली जाती है जिससे आपेक्षिक उत्पादन नही मिल पाता है तथा 50% जल रनवे के रूप मे बेकार चला जाता है । उक्त बाते सोमवार को मड़ियाहूं विकास खण्ड के कार्यालय मे कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसान गोष्ठी मे कृषि तकनीकी सहायक एवं प्रभारी विषय वस्तु विशेषज्ञ रमेश चंद्र यादव ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कही । श्री यादव ने बताया कि मेड़बन्दी कराने से वर्षा की बूदो के साथ वायु मण्डलीय नाइट्रोजन मृदा मे संचित होता है जिससे मृदा की उर्वरता मे बृद्धि होती है साथ ही साथ जल का भी समुचित प्रबन्धन होता है। उन्होंने प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सिंचाई की उन्नति शील तकनिकीयो यथा स्प्रिंकलर , व ड्रिप सिंचाई से कम पानी मे अधिक उत्पादन की तकनीकीयो से किसानों को प्रशिक्षित किया।
खण्ड विकास अधिकारी एस0 एन0 चौधरी ने मृदा परीक्षण के आधार पर सन्तुलित मात्रा मे उर्वरकों के प्रयोग का आह्वाहन किया। उमानाथ यादव ने जैविक खेती यानि कम लागत मे अधिक उत्पादन वाली तकनीकीयो से किसानों को जागरूक किया। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ब्लाक प्रमुख लाल प्रताप यादव किसानों से आधुनिक ढंग से खेती करके खेती को लाभकारी बनाने की जानकारी दिया। गन्ना विभाग के निरीक्षक डा0 बिनोद सिंह ने गन्ने की  उन्नति खेती की जानकारी देते हुए खरीफ फसलों मे लगाने वाले रोगों , कीटो के लक्षण एवं रोकथाम की जानकारी दिए। संचालन प्राविधिक सहायक जय प्रकाश गुप्ता ने तथा ए0डी0ओ0 एजी0 सरोज ने सभी आगन्तुकों का आभार ब्यक्त किया। इस मौके पर अभिमन्यु सिंह , बिनोद यादव , राजेन्द्र प्रसाद, चंद्र भान यादव, विस्व नाथ , सीता , राधा, आरती , आशा सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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