हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत एवं इस्लाम को बचाने के लिए अपने को कुर्बान कर दिया
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जौनपुर। दूसरी मोहर्रम पर मोहल्ला हमाम दरवाजा में इमामबाड़ा फकीर हुसैन में मजलिस का आयोजन किया गया। इसके बाद जुलूस निकालकर शहर की विभिन्न मातमी अंजुमनों के साथ इमाम चौक मुख्तार हुसैन पहुंचा, जहां पर जौनपुर अजादारी कौंसिल के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद हसन ने चौक पर तकरीर किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कर्बला का वाकया हुए लगभग 14 सौ साल हो चुके हैं, परन्तु हर साल मोहर्रम में ऐसा लगता है कि यह वाकया अभी-अभी कर्बला में हुआ है। हजरत इमाम हुसैन को जालिम यजीद के आदेश पर उसकी फौजों ने कर्बला के मैदान में 3 दिन का भूखा प्यासा कत्ल कर दिया। जबकि इमाम हुसैन यजीद के इस्लाम विरोधी कार्यों का विरोध कर रहे थे। तकरीर के उपरांत जुलूस, अलम, ताबूत, जुलजनाह इत्यादि की शबीहे चौक मुख्तार हुसैन पर पहुंची। जहां पर सैकड़ों नर-नारियों ने दर्शन किया। तद्उपरांत जुलूस अंजुमनों के साथ इमाम चौक जव्वाद हुसैन होता हुआ वापस आकर इमामबाड़ा फकीर हुसैन हमाम दरवाजा पर पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में बानिये जुलूस व जौनपुर अजादारी कौंसिल के पदाधिकारी एवं सदस्यगण जुलूस को व्यवस्थित तरह से सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया व जौनपुर अजादारी कौंसिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व जुलूस संयोजक इसरार हुसैन एडवोकेट ने सभी उपस्थितनों एवं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
करंजाकला ब्लाक के करंजाखुर्द गांव में दरोगा जी के इमामबारगाह से 2 मुहर्रम का जुलूस बरामद हुआ। मजलिस की सोज़खानी शम्सी आज़ाद ने शुरू की। मजलिस में इमाम हुसैन अ.स. के ज़िन्दगी पर रौशनी डालते हुए कहा कि इमाम हुसैन अ.स. ने हमेशा शांति इंसानियत पर ज़ोर दिया और हर तरीके के आतंकवाद के खिलाफ रहे और दुनिया का पहला आतंकवादी यज़ीद के खिलाफ जंग की और अपने साथ 71 लोगों की शहादत दी।
मौलाना ने कहा कि आज भी जो आतंकवादी हैं तो वो यज़ीद की नस्लों से है। मजलिस के बाद हज़रत अब्बास अ.स. का अलम और ज़ुल्जनाह झूला अली असगर अ.स. बरामद हुआ बाहर से आई हुई। अंजुमन मासूमिया चकमलुदी, गुन्चे, हैदरिया कर्रा पट्टी, मोजिज़ा हुसैनी करंजकला, अज़ा—ए—हुसैन दख्खिनपट्टी की अंजुमनों ने पूरे गांव में गश्त किया और सुबह फ़ज्र की अज़ान के पहले जुलूस को तमाम किया गया। जुलूस में फैसल हसन तबरेज़, हसनैन कमर दीपू, रिज़वान हैदर राजा, हसन ज़ाहिद बाबू, सुल्तान हैदर, शानू, गांधी, फैजान, राजा, इमरान, शकील, शिराज़ हैदर, असलम, आज़म ज़ैदी गांव व बाहर से आये हुए मोमनीनों ने शिरकत किया।

