मजलूम बेगुनाहों का खून बहाने वाला मुसलमान नहीं : जावेद आब्दी

जौनपुर। कर्बला के शहीद हजरत इमाम हुसैन व चौथे इमाम हजरत जैनुल आब्दीन (अ.स.) की याद में 27 मोहर्रम को नगर के कई स्थानों पर मजलिस, मातम, जुलूस व शब्बेदारियों का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान लोगों ने पूरी रात दर्द भर नौहे पढ़कर शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया। नगर के मुफ्ती मोहल्ला स्थित मोहम्मद मुस्लिम के इमामबाड़े में मजलिस को खेताब डा. कमर अब्बास ने किया जिसके बाद शबीहे ताबूत जैनुल आब्दीन व जुलजनाह अलम का जुलूस निकाला गया जो अपने कदीम रास्तों से होता हुआ मेंहदी हसन वास्तवी के इमामबाड़े में जाकर समाप्त हुआ। जुलूस में अंजुमन सज्जादिया, दुआ जहरा, कौसरिया, अजादारिया सहित कई प्रमुख अंजुमनें नौहा मातम कर रही थी। शेख अब्दुल मजीद के चौक पर तकरीर इसरार अहमद एडवोकेट ने किया। इस मौके पर अनवार आब्दी, हसन जाहिद खां बाबू, फैसल हसन तबरेज, रिजवान हैदर राजा, हुसैन अहमद, मो. आबिद, एखलाक हुसैन, सै. शहंशाह हुसैन रिजवी, शाहिद मेंहदी, मेंहदुल हसन आब्दी, मो. जेया सहित अन्य लोग मौजूद थे। आभार मो. आबिद व आजम ने प्रकट किया। वहीं अंजुमन तंजुमे अजाए हुसैन के तत्वावधान में कल्लू इमामबाड़े में कदीम तरही शब्बेदारी का आयोजन शनिवार की रात तेलावते कलामे पाक से किया गया। मजलिस को खेताब करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री मौलाना जावेद आब्दी ने कहा कि कर्बला में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों ने जो कुर्बानी पेश की है आज उसी की वजह से इस्लाम जिंदा है। जो लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे है उन्हें कर्बला से सीखने की जरुरत है क्योंकि कर्बला ने जान देना सिखाया है किसी की जान लेना नहीं। जो मजलूम बेगुनाह का खून बहाते है वो इस्लाम के मानने वाले हो ही नहीं सकते। मजलिस के बाद नौहे मातम का दौर शुरु हुआ जिसमें शहर की सभी प्रमुख अंजुमनों के साथ हरिद्वार, मैंगलोर, बनारस, अम्बेडकर नगर सहित अन्य शहरों की अंजुमनों ने मातम 24 घंटे तक जारी रखा। संचालन अर्शी वास्ती व आभार शौकत अली मुन्ना अकेला व तहसीन शाहिद ने प्रकट किया। वहीं हमाम दरवाजा स्थित अर्शी साहब के अजाखाने में महिलाओं की कदीम शब्बेदारी का आयोजन किया गया जिसमें सोजख्वानी बतूल फात्मा व उनके हमनवा ने किया। मजलिस को खेताब रेनू फात्मा ने किया। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन की चार साल की बेटी जनाबे सकीना पर यजीदी हुकुमत ने जो जुल्म ढाया था उसे आज तक कोई भुला नहीं सका है। यही वजह है कि हम पूरी रात नौहा मातम कर उन्हें नजराने अकीदत पेश कर रहे है। इसके बाद अंजुमन तमन्नाएं जहरा अजादारियां कदीम, अजादारियां सज्जादियां, मासूमिया, शम्मे हुसैनी, मजलूमियां ने पूरी रात नौहा मातम पेश किया। अलविदाई मजलिस के बाद शबीहे ताबूत जनाबे सकीना व अलम निकाला गया। इस मौके पर राफिया फात्मा, लायवा फात्मा, जूही फात्मा, महर फात्मा, मुस्कान, नुसौ सहित सैकड़ों महिलाएं मौजूद रहीं।

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