इमाम हुसैन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना समय की आवश्यकता
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जौनपुर।
इमामबाड़ा नाजिम अली खां में दोपहर में छह मोहर्रम की मजलिस को सम्बोधित
करते हुए अजादारी काउन्सिल के प्रवक्ता असलम नकवी ने कहा कि अजादारी के
माध्यम से हिन्दुस्तान में इस्लाम को खूब यश प्राप्त हुआ। जन-जन तक हजरत
इमाम हुसैन का संदेश पहुंचाया गया। सूफी संतों ने इमाम हुसैन के संदेश को
माध्यम बनाकर इस्लाम का मानवीय चेहरा दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।
जौनपुर अजादारी का मरकज रहा है। जौनपुर के शर्की राजाओं ने अजादारी को खूब
बढ़ावा दिया। हुसैन शाह शर्की ने बड़ी मस्जिद के निकट खानकाहे नौहागेरां को
अजादारी का केंद्र बनाया था जहां आज भी मोहर्रम का शाही जुलूस यहां से
निकलता है। इस अवसर पर जौनपुर अजादारी काउन्सिल के अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद
हसन, इमामबाड़ा नाजिम अली खान के मुतवल्ली मुर्तुजा हसनैन खां (बबलू), तनवीर
हसन खां, जाफर अब्बास जफ्फू, मुस्लिम हीरा, परवेज हसन, तहसीन अब्बास सोनी,
लाडले हसन खां, मिर्जा मेराज, शमशीर आदि उपस्थित रहे। इसी क्रम में छह
मोहर्रम बाद शब में मुफ्ती हाउस मुफ्ती मोहल्ले में मजलिस को सम्बोधित करते
हुए असलम नकवी ने कहा कि इस्लाम में मानवता के लिए क्या मूल्य है उसे अगर
उजागर करना है तो इमाम हुसैन का संदेश जन-जन तक पहुंचाना होगा। मजलिस में
हजरत अली अकबर का मसायब सुनकर माहौल गमगीन हो गया। मजलिस में उपस्थित जनों
की आंखों से आंसूओं की धारा बह निकली। इस मजलिस में मुफ्ती वसीउल हसन
एडवोकेट, कासिम सईद वास्ती, अनवार आब्दी, दानिश काजमी इत्यादि उपस्थित रहे।
इसी क्रम में चहारसू स्थित मस्जिद में आयोजित मजलिस को मौलाना दानिश ने
सम्बोधित किया। इस मौके पर अंजुमन कासिमिया ने नौहा मातम किया।