चौकियां धाम में एक महिला अपने सीने पर कलश रखकर मातारानी का कर रही है अनुष्ठान
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जौनपुर। पूर्वाचंल के लोगो का प्रमुख अस्था का केन्द्र मां शीतला चौकियां धाम में एक महिला अपने सीने पर कलश रखकर मातारानी का अनुष्ठान कर रही है। वह अन्न जल त्याग कर 24 घंटे पूंजा पाठ कर रही है। यह महिला इस अनूठे अनुष्ठान को पिछले चार वर्षो से चैत और शारदीय नवरात में करती चली आ रही है। इसके पीछे महिला श्रद्धालु का कहना है चार वर्ष पूर्व उसको बच्चा पैदा हुआ था। बच्चा पैदा होने के साथ ही विमार रहने लगा था। कई डाक्टरो से इलाज कराने के बाद भी वह ठीक नही हुआ तो पति पत्नी माता शीतला के दरबार में आकर बच्चो को ठीक होने की मन्नत मांगी। उसके बाद से उनका बेटा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।
एक अक्टूबर से शारदीय नवरात शुरू हो गया है। ऐसे में लोगो घर से लेकर मंदिरो तक कलश स्थापित करके मां दुर्गा की पूंजापाठ कर रहे है। इसी में एक महिला है गुड़िया सोनकर है जो अपने अनोखे अनुष्ठान के कारण सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बनी हुई है। यह महिला नवरात के पहले ही दिन से अन्न जल त्यागकर चौकियां धाम में अपने सीने पर कलश स्थापित करके मातारानी का पूंजापाठ कर रही है। महिला की माता शीतला के प्रति अटूट आस्था को देखकर सभी लोगो आश्चर्य चाकित है। महिला श्रद्धालु का कहना है चार वर्ष पूर्व उसको बच्चा पैदा हुआ था। बच्चा पैदा होने के साथ ही विमार रहने लगा था। कई डाक्टरो से इलाज कराने के बाद भी वह ठीक नही हुआ तो पति पत्नी माता शीतला के दरबार में आकर बच्चो को ठीक होने की मन्नत मांगी। उसके बाद से उनका बेटा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। उसके बाद से हम चैत माह में पड़ने वाले नवरात और शारदीय नवरात में इसी तरह से माता की पूंजा करती हूं।
पत्नी के साथ उसका पति राजेश सोनकर भी पूरे समय उसके पास ही रहकर चैकियां माता की आराधना करता रहता है और पत्नी की देखभाल में करता है। उसने बताया कि जब गुड़िया का गल सुखने लगता है तो आम के पत्ते उसे दो दो बुंद दुध पिलाया जाता है।
एक अक्टूबर से शारदीय नवरात शुरू हो गया है। ऐसे में लोगो घर से लेकर मंदिरो तक कलश स्थापित करके मां दुर्गा की पूंजापाठ कर रहे है। इसी में एक महिला है गुड़िया सोनकर है जो अपने अनोखे अनुष्ठान के कारण सभी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बनी हुई है। यह महिला नवरात के पहले ही दिन से अन्न जल त्यागकर चौकियां धाम में अपने सीने पर कलश स्थापित करके मातारानी का पूंजापाठ कर रही है। महिला की माता शीतला के प्रति अटूट आस्था को देखकर सभी लोगो आश्चर्य चाकित है। महिला श्रद्धालु का कहना है चार वर्ष पूर्व उसको बच्चा पैदा हुआ था। बच्चा पैदा होने के साथ ही विमार रहने लगा था। कई डाक्टरो से इलाज कराने के बाद भी वह ठीक नही हुआ तो पति पत्नी माता शीतला के दरबार में आकर बच्चो को ठीक होने की मन्नत मांगी। उसके बाद से उनका बेटा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। उसके बाद से हम चैत माह में पड़ने वाले नवरात और शारदीय नवरात में इसी तरह से माता की पूंजा करती हूं।
पत्नी के साथ उसका पति राजेश सोनकर भी पूरे समय उसके पास ही रहकर चैकियां माता की आराधना करता रहता है और पत्नी की देखभाल में करता है। उसने बताया कि जब गुड़िया का गल सुखने लगता है तो आम के पत्ते उसे दो दो बुंद दुध पिलाया जाता है।

