मां चन्द्रघण्टा का चहुंओर पूजन दर्शन
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जौनपुर। नवरात्र में शक्ति की उपासना में पूरा जनपद डूबा हुआ है। मां दुर्गा के सैकड़ों पण्डालों में श्रद्धालुओं की सुबह शाम आरती में भीड़ उमड़ रही है। नौ दिनों के व्रत के साथ ही देवी मन्दिरों में लगने वाली कतारें यह बयां कर रही है मां की एक झलक पाने के लिए वह घण्टो झेलने के लिए तैयार है। मां की साधना और आराधना में कोई कमी न रह जाय इसका पूरा जतन कर रहे है। श्रद्धालुओं के मन में कितनी आस्था है इसका सीधा उदाहरण कर्मचारी , छात्र व छात्रायें, व्यापारी , अधिवक्ता, चिकित्सक सहित सभी वर्ग नौ दिनों के व्रत के साथ अपने काम भी लगन से कर रहे है। व्रत रहनेवाले लोगों का कहना है कि जैसे सभी काम आवश्यक है वैसे ही व्रत और मां की आराधना भी जरूरी है। उधर नवरात्र के तीसरे दिन मां चन्द्रघण्टा का पूजन करने में लोग लगे रहे। तीसरे दिन पूजन का अत्यधिक महत्व होता है। चन्द्रघण्टा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते है। दिव्य सुगन्धियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की ध्वनियां सुनाई देती है। ये क्षण साधक के लिए सावधान रहने के होते हैं। मां चन्द्रघण्टा की कृपा से साधक के सभी पाप व बाधायें नष्ट हो जाते है। इनकी आराधना हमेशा फलदायी होती है। मां भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र कर देती है। मां का स्वरूप सौम्य व शान्ति से परिपूर्ण रहता है। मां का यह रूप परम शान्ति दायक और कल्याण कारी है, इनके मस्तक में घण्टे के आकार का अर्धचन्द है। इसलिये इन्हे चन्द्रघण्टा देवी कहा गया है। इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। इनके 10 हाथों में खड्ग आदि शस्त्र वाण से सुसज्जित है। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की है।

