अपना पोलिटिकल इन्काउन्टर होने के बाद मुन्ना बजरंगी ने पत्नी को उतारा मैदान में
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नामांकन करने जाती मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह |
उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशो की पुलिस के लिए सिरदर्द बने 12 लाख का इनामी बदमाश प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी विधानसभा चुनाव 2012 में माफिया से माननीय बनने का सपना लेकर मड़ियाहूं विधानसभा से चुनाव मैदान में कुद गये थे। उन्हे अपनादल ने टिकट दिया था। इस सीट पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी श्रध्दा यादव बसपा प्रत्याशी सावित्री पटेल और भाजपा उम्मीद्वार मालती दुबे माफिया का मोर्चा लेने उतरी थी। इन तीनो महिलाओ ने मिलकर मुन्ना का पोलिटिकल इन्काउन्टर कर दिया। इस चुनाव में श्रध्दा यादव को कुल 55 हजार 745 वोट मिला था। दूसरे स्थान पर रही बसपा की सावित्री पटेल को 43 हजार 268 मत मिला था। मुन्ना बजरंगी को 35 हजार 778 वोट मिला था।
जबकि भाजपा प्रत्याशी मालती दुबे को मात्र 14 हजार 810 वोट प्राप्त हुआ था। इस चुनाव में मुन्ना की करीब 20 हजार वोटो के अंतर से मिली करारी हार के पीछे माना गया था। जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह और ब्लाक प्रमुख कैलाश दुबे की हत्या का आरोप बजरंगी के ऊपर होने कारण ब्राहमण मतदाताओ ने एक वोट नही दिया कुछ क्षत्रियों को छोड़कर अधिकांश क्षत्रिय मतदाताओ ने मुन्ना को वोट नही दिया।
2012 में मिली करारी शिकस्त के बाद बजरंगी चुनाव लड़ने की हिम्मत नही जुटा पाने के कारण वे अब अपनी पत्नी को मैदान में उतार दिया है। उनकी पत्नी सीमा सिंह ने आज मड़ियाहूं विधानसभा से नामाकंन किया है। उनकी पत्नी को मड़ियाहूं की जनता स्वीकार करती है या नकारती है यह तो 11 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा।