सेवा भावना जागृत करना रासेयो का उद्देश्य
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जौनपुर। स्वयं के साथ- साथ समाज को स्वस्थ और खुशहाल बनाकर ही राष्ट्रीय सेवा योजना के मंशानुरूप स्वयं में सेवा की भावना को जागृत कर हम राष्ट्र के काम आ सकते हैं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का यह मौलिक कर्तव्य है कि वह नियमित और निरन्तर किसी खेल को खेलकर अथवा योगाभ्यास के माध्यम से अपने तन, मन और चेतना को स्वस्थ बनाते हुए अपने भीतर अन्तर्निहित शक्तियों का विकास कर सशक्त बनें।उक्त बातें तिलकधारी महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चैथे दिन योगाभ्यास कराते हुए पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति नें कही। योग के क्रियात्मक और सैद्धांतिक अभ्यासों के क्रम में छात्र-छात्राओं को योगिंग जॉगिंग, सूर्यनमस्कार, भुजंगासन, मर्कटासन, नौकासन, वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, वीरासनों सहित भस्त्रिका, कपालभाति,अनुलोम-विलोम, वाह्य प्राणायाम, भ्रामरी तथा उदगीथ प्राणायामों सहित अग्निसार और नौलिक्रिया को कराते हुए ध्यान की विशेष प्रक्रिया को कराते हुए चित्त पर पड़नें वाले सकारात्मक प्रभावों को बताते हुए अष्टांग योग को व्याख्यायित किया गया। मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डा के बी यादव, डा राजकुमार गुप्ता,डा आनंद शंकर चैधरी,डा सुदेश कुमार सिंह, डा छाया सिंह, डा मंजू और डा नीतू सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।