जीरो बजट की खेती से आएगी खुशहाली : डा0 रमेश चंद्र यादव
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जौनपुर। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान मे जिले की स्वम सहायता समूह
की महिलाओं को स्वावलम्बन हेतु प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया जिसमे
छोटे - छोटे लघु कुटीर उघोगों से समृद्धि के लिए जागरूक किया गया।
प्रशिक्षण शिविर को संबोघित करते हुए कृषि तकनीकी सहायक डा0 रमेश चंद्र यादव ने कहा कि गुणवत्ता युक्त फसल उत्तपादन बढ़ाने के लिए हानिकारक रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खादो एवं जैव उर्वरको का एकीकृत उपयोग और हानिकारक कीट नाशी रसायनों के वजाय जैविक कीट नाशी रसायनों ( वायो एजेंट एवं वायो पेस्टिसाइड ) का प्रयोग कर वहुत कम मूल्य यानि जीरो बजट मे पर्यावरण को स्वच्छ रखते हुए वेहतर उत्तपादन लेकर कृषि का सतत् विकास कर सकते है।
श्री यादव ने बताया की मनरेगा योजना के तहत गांवों मे वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप कम्पोस्ट निर्माण की संरचना तैयार कर जैविक खादो का उत्तपादन किया जायेगा। फसल उत्तपादन बढ़ाने के लिए किसानों को विदेशी महँगी खाद व केमिकल खरीदने की कोई जरूरत नही पड़ेगी । क्योकि गाँव का कूड़ा करकट व पशुओं का गोबर से तैयार खादो से फसले लहलहाएगी तथा इनको बेचकर किसान अपनी आमदनी भी बढ़ा कर अपनी समृद्धि कर सकते है। उन्होंने महिलाओ को किचन गार्डेन , जैम , जेली , मुरब्बा , छप्पर मे मशरूम की खेती से रोजगार करके आत्म निर्भर होकर खुशहाली जीवन की तकनीकी व व्याहारिक जानकारियो से प्रशिक्षित कर जागरूक किया। अन्त मे संस्थान के निदेशक डा0 पंकज ने आभार ज्ञापित किया। इस मौके पर मालती देवी , उर्मिला , रेखा , आशा , विद्या देवी , आरती सहित दर्जनों महिलाए मौजूद रही।
प्रशिक्षण शिविर को संबोघित करते हुए कृषि तकनीकी सहायक डा0 रमेश चंद्र यादव ने कहा कि गुणवत्ता युक्त फसल उत्तपादन बढ़ाने के लिए हानिकारक रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खादो एवं जैव उर्वरको का एकीकृत उपयोग और हानिकारक कीट नाशी रसायनों के वजाय जैविक कीट नाशी रसायनों ( वायो एजेंट एवं वायो पेस्टिसाइड ) का प्रयोग कर वहुत कम मूल्य यानि जीरो बजट मे पर्यावरण को स्वच्छ रखते हुए वेहतर उत्तपादन लेकर कृषि का सतत् विकास कर सकते है।
श्री यादव ने बताया की मनरेगा योजना के तहत गांवों मे वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप कम्पोस्ट निर्माण की संरचना तैयार कर जैविक खादो का उत्तपादन किया जायेगा। फसल उत्तपादन बढ़ाने के लिए किसानों को विदेशी महँगी खाद व केमिकल खरीदने की कोई जरूरत नही पड़ेगी । क्योकि गाँव का कूड़ा करकट व पशुओं का गोबर से तैयार खादो से फसले लहलहाएगी तथा इनको बेचकर किसान अपनी आमदनी भी बढ़ा कर अपनी समृद्धि कर सकते है। उन्होंने महिलाओ को किचन गार्डेन , जैम , जेली , मुरब्बा , छप्पर मे मशरूम की खेती से रोजगार करके आत्म निर्भर होकर खुशहाली जीवन की तकनीकी व व्याहारिक जानकारियो से प्रशिक्षित कर जागरूक किया। अन्त मे संस्थान के निदेशक डा0 पंकज ने आभार ज्ञापित किया। इस मौके पर मालती देवी , उर्मिला , रेखा , आशा , विद्या देवी , आरती सहित दर्जनों महिलाए मौजूद रही।