रोचक है अजय सिंह से योगी आदित्यनाथ बनने की कहानी

 योगी आदित्यनाथ भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में शुमार हैं। पूर्वांचल की राजनीति में उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है। गोरखपुर से सांसद और गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ कई बार अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मसलों पर उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी। अब वह यूपी के सीएम होंगे।
सबसे कम उम्र के सांसद 
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय सिंह बिष्ट योगी आदित्यनाथ कैसे बने यह कहानी काफी रोचक है। योगी आदित्यनाथ (अजय कुमार बिष्ट)  5 जून 1972 को उत्तरकाशी में जन्म।
15 फरवरी 1994 को गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बने।
उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है। योगी आदित्यनाथ का नाम लोकसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों की सूची में भी शामिल है। गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जिसके बाद  1998 में वह सांसद चुने गए।
-योगी आदित्यनाथ जब 12वीं लोकसभा में सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी। इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने जाते रहे।
- सितंबर 2014 में उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ के प्राण त्यागने के बाद वह गोरखपुर मंदिर महंत यानी पीठाधीश्वर बने।
- योगी आदित्यनाथ भाजपा के सांसद होने के साथ साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं। हिन्दू युवा वाहिनी युवाओं का एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है।
धर्मांतरण के खिलाफ योगी
योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे। 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथिततौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया।
2008 में हुआ था जानलेवा हमला
7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे, यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया।

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