आखिर "दोहरा रूपी जहर" कब बनेगा चुनावी मुद्दा : विकास तिवारी

नेता जी कहते है चुनाव में हमे जिताइए मैं आपका रखूगां ख्याल, सवाल आखिर कैसे? शिराजे हिन्द की सरजमी जौनपुर के बहुतायत लोग सालो से खाद्य मादक पदार्थ दोहरा रूपी जहर को खाते आ रहे है, आश्चर्य यह है की देश की आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले, विद्वानो का मरकज कहे जाने वाले इस क्रान्तिकारी जिले में यह जानलेवा समस्या अब तक राजनीतिक मुद्दा नही बन सकी है, राजनीतिक मंचो से बाते तो लम्बी चौडी हुई लेकिन स्थाई समाधान कि दिशा मे प्रयास नही हुआ, जनहित का यह मुद्दा यदि राजनीतिक बहस का केंद्र बन जाता तो सायद सैकडो लोग असमय काल का ग्रास होने से बच जाते, दोहरा कि समस्या से जुझ रहे जनपदवासियों को इससे कब मुक्ति मिलेगी यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।  इसके सेवन से अब तक सैकडो लोग असमय ही मौत की नीद सो गये हजारो लोग अब भी अल्सर,मुह में फाईब्रोसिस, मुह का कैंसर,मुह का कम खुलना, जीभ का कैंसर,आंत का कैंसर जैसे रोग से पिडित हैं इनपर दवांइया भी असर नही कर पा रही है ,  फिर भी जौनपुर में खुलेआम बिक रहा है जानलेवा खाद्य मादक पदार्थ दोहरा, जो एक ऐसा जहर है जिसकी लत लग जाय तो जीवन ही बेजार हो जाता है जिसका नाम है पुरे भारत ही नही अपितु पुरे विश्व में कही ना पाया जाने वाला जानलेवा खाद्य मादक पदार्थ दोहरा, दो सिर्फ शिराजे हिन्द कि सरजमी जौनपुर मे ही बनता और बिकता है इसके कारण शिराजे हिन्द कि इस नगरी में माउथ कैंसर तेजी से फैल रहा है लोग इसकी जद में आकर अकाल मौत का शिकार हो रहे है इतना ही नही दोहरा खाकर व पैकेट लेकर घर पहुचने पर खुशी से चहककर मिलने वाले अपने भी इसकी भयानकता से परिचित होते है वे यहा तक कह देते है कि  पापा प्लीज दोहरा मत खाओ, आश्चर्य की बात तो यह है की इन वाक्यो का श्रवण होने के बाद दोहरा का सेवन शुरू करने वाले इसे छोडने के लिए बेताब हो जाते है रणनीति भी तैयार करते है, किन्तु उन्हे नशे की ऐसी लत लगती है की वे इसे जीवन के अंतिम समय तक जल्दी नही छोड पाते है नतीजा यह होता है की वे माउथ कैंसर के शिकार हो जाते है और जीवन अपना बेजार बना देते है, जनपद में दोहरा की बिक्री तेजी हो रही है और पडोस के जिलो में इसका निर्यात भी किया जा रहा है शिक्षा जगत में राष्ट्रीय फलक पर विशेष स्थान रखने वाले इस जनपद के लोग इसकी लत के शिकार हो रहे है | बच्चे युवा के साथ साथ उच्च पदो पर आसीन लोग भी इसे अपने जीवन का हिस्सा बना ले रहे है, मौजूदा समय में स्थिति यह हो गयी है कि शहर सहित ग्रामीण इलाको मे भी इसकी मांग तेजी के साथ बढ रही है इसी का नतीजा है की जनपद में माउथ कैंसर तेजी से बढ रहा है, माउथ कैंसर के शिकार मरीजो को देखने के बाद चिकित्सक भी जौनपुर के दोहरे का जिक्र शुरू कर दे रहे है जो सही भी है यह सब तब हो रहा है जब महर्षि यमदग्नि ऋषि  की तपो स्थली व भगवान परशुराम की जन्मस्थली वाले इस शहर के लोग जागरूक है, दोहरा की भयानकता से अपरिचित व खाने वालो की मांग के कारण ही बेचने वालो की दुकाने बढती ही जा रही है शहर के हर प्रमुख स्थानो पर दोहरे की बिक्री शुरू हो गयी है नगरी इलाके में अब 10,20,30 व 50 रूपये में प्लास्टिक की खुली पैकेट में मिलने वाले इस दोहरे का सेवन करने वाले इसके नशेडी हो जाते है धीरे धीरे स्थिति यह हो जा रही है की इसे खाने वाले दिनभर में 250से 300ग्राम तक खत्म कर दे रहे है, इसी वजह से इसका सेवन करने वालो का मुह खुलना कम हो जा रहा है, झटका लगने के बाद इसका सेवन बन्द करने तक का प्रयास करना शुरू कर देते है, लेकिन वे नशे की ऐसी लत से घीर जाते है की उनका निकलना भारी हो जाता है इसी वजह से उनके मुह में छाले के बाद अल्सर हो जाता है बावजूद इसके वे अपने जीवन से इसे दूर नही कर पाते है जिसका नतीजा यह होता है की इस नशे को जिन्दगी से अलग न कर माउथ कैंसर को गले लगा लेते है अपनो की जिन्दगी बचाने के लिए परिवार के लोग जी जान लगा देते है, किन्तु अंत में निराशा ही हाथ लगती है, वजह कैंसर हो जाने के बाद भी इसका सेवन करने वाले इसे अपनी जिन्दगी से पूर्णरूप से अलग नही कर पाते है और जीवन बेजार कर बेसमय मौत के आगोस में जाकर हमेशा हमेशा के लिए सो जाते है, मौजूदा समय में स्थिति यह है की जनपद का दोहरा पुर्वांचल ही नही बल्कि देश भर में प्रसिद्ध हो गया है इसे खाने वाले जनपद से दोहरा भी मंगा लेते है, जौनपुर को दोहरा मुक्त जौनपुर बनाने का प्रयास समाज सेवी विकास तिवारी राजू द्वारा कई वर्षो से किया जा रहा है इसी प्रयास के अनुक्रम में न्यायालय नगर मजिस्ट्रेट जौनपुर द्वारा मुख्य खाद्य निरीक्षक जौनपुर से प्राप्त आख्या को संज्ञान में लेते हुए तथा दोहरा का मानव स्वास्थ्य पर पड रहे प्रतिकुल प्रभाव को देखते हुए दिनांक 09 मई 2011को जनपद जौनपुर में दोहरे के निर्माण विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया, श्री तिवारी के अनुसार प्रतिबन्ध आदेश के प्रमुख बिन्दू मे यह था की - ..दोहरे में अक्सर भीगी सोपाडी का उपयोग होता है जिसमें फंगस लगने की प्रबल सम्भावना होती है | ..दोहरा निर्माण इकाइयों के निरीक्षण से यह तथ्य सामने आता है की जिस पात्र में सोपाडी मसाले भिगोकर सडाये जाते है उसकी स्थिति मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | ..दोहरे में तम्बाखू का प्रयोग होता है, यह काफी घटिया किस्म का होता है जो सीधे जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | ..दोहरे में यह सम्भावना भी रहती है की इसमे किसी मादक पदार्थ का प्रयोग किया जाता है जो की जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है | ..पी एफ ए एक्ट के अन्तर्गत दोहरे का कोई भी मानक निर्धारित नही है, जिसकी वजह से निर्माता कोई भी अखाद्य पदार्थ मिला सकता है | ..पी एफ ए एक्ट 1954 एंव नियमावली 1955के अंतर्गत खाद्य पदार्थो की पैकिंग, बनाने की विधि,वेस्ट विफोर अवयन अंकित होना अनिवार्य है जबकी दोहरे में उपरोक्त में से कोई खाद्य पदार्थ घोषणा पैकेट पर नही होता है इससे यह पता नही चलता की इसका इसका निर्माण कब हुआ है तथा इसका प्रयोग कब तक किया जा सकता है यह जानकारी न होने से मानव स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव क्या पडेगा अन्दाजा नही लगाया जा सकता है | ..माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुटका दोहरा पैकिंग में प्लास्टिक और प्लास्टिक कंटेनरो का प्रयोग प्रतिबन्धित किया गया है इसमे यह भी कहा गया है की दोहरा सीधे सीधे जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | ..मुख्य चिकित्साअधिक्षक एंव अन्य चिकित्सक भी यह बताते है की दोहरे के सेवन से कैंसर, दांत की बिमारी, मुह में फाईब्रेसिस, आत का अल्सर,मुह का कैंसर,मुह का कम खुलना आदि रोग होते है | नगर मजिस्ट्रेट जौनपुर के आदेश पर दोहरा कारोबार कर्ताओ की रिविजन रिट पर पर्याप्त सबूत के आभाव में तात्कालिक जिला एंव सत्र न्यायाधीश द्वारा स्थगन आदेश दे दिया गया वर्तमान समय में मानव स्वास्थ्य से जुडी यह लडाई मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में लम्बित है, लेकिन आश्चर्य इस बात का है की क्रिमिनल मिसलिनियस रिट दाखिल होने के छः वर्ष गुजर जाने के बाद भी अब तक मुकदमे में कोई सुनवाई नही हुई है, पुनः विकास तिवारी की पहल पर खाद्य सुरक्षा एंव मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कई नमूने जांच के लिए लिए गये है जिसे खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला को भेजा गया है, श्री तिवारी द्वारा आर टी आई के अन्तर्गत मांगी गयी सूचना मे कैंसर विभाग बी एच यू वाराणसी , टाटा कैंसर अस्पताल मुम्बई द्वारा दोहरा को कैंसर का कारण बताया गया है, श्री तिवारी की ही पहल पर सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय अमित गुप्ता, मुख्य सचिव राष्ट्रपति सचिवालय हरिमोहन झा द्वारा संतोसजनक कार्यवाही का आश्वासन मिला है तथा कार्यवाही की प्रक्रिया जारी है, हाईकोर्ट मे भी प्रयाप्त सबुत और साक्ष्य के साथ श्री तिवारी द्वारा लडाई शुरू कर दि गयी है, श्री तिवारी के अनुसार हर वर्ष सैकडो लोगो की दोहरा खाने मृत्यु होती है टाटा ने भी लिखित रूप से 16 माउथ कैंसर प्रति वर्ष जौनपुर से होने की बात स्वीकारी है, जौनपुर को दोहरा मुक्त जौनपुर बनाने की लडाई जारी है और सफलता न मिलने तक जारी रहेगी, हाल ही मे लाईनबाजार थाना क्षेत्र निवासी चन्द्रभुषण शुक्ला की दोहरा के कारण मृत्यु हो गयी है और उसी मोहल्ले के निवासी पंकज सोनकर मुह के अल्सर का आपरेशन करवाकर मुम्बई से लौटे है |

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