भीटा की जमीन पर कब्जा का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

 जौनपुर। जिले की तहसील मछलीशहर अन्तर्गत परगना मुंगरा की ग्राम सभा सरोखनपुर स्थित आराजी संख्या 267 0.036 पर किये गये अबैध कब्जे को खाली नही किये जाने का मामला एक बार फिर उच्च न्यायालय पहुंच गया है । जिसकी सुनवाई करते हुए  उच्च न्यायालय ने प्रकरण के निस्तारण की निर्धारित तिथी 20 मार्च   को करने के साथ ही अधिकतम एक माह की समय सीमा के अन्दर निस्तारण करने का आदेश निर्गत किया है । ग्राम धौरहरा निवासी बिमल कुमार पाण्डेय ने उक्त आराजी पर किये गये अबैध कब्जे के बाबत तहसीलदार मछलीशहर से लेकर  जिलाधिकारी व उच्च अधिकारियो तक आवेदन पत्र दिया था  । जिसकी सुनवाई नही होने पर उसने ग्राम सभा की उक्त आराजी पर किये गये कब्जे को खाली कराये जाने हेतु उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका बिमल कुमार बनाम  उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिलाधिकारी जौनपुर ,उप जिलाधिकारी मछलीशहर ,तहसीलदार मछलीशहर व कब्जेदार दीपक शुक्ला को पक्षकार बनाते हुए वाद  दाखिल किया था  । जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने धारा 122 बी   ऐक्ट के तहत प्रकरण का निस्तारण करने का आदेश बीते 05 सितम्बर 2016 को  निर्गत किया था लेकिन कब्जेदार के रसूखदार होने के कारण  प्रशासन ग्राम सभा खाते की आराजी को खाली करवा कर प्रकरण का निस्तारण करने की बजाय  मामले को अधर मे लटकाये रखा । जिससे असन्तुष्ट हो कर  बिमल कुमार ने  जनहित याचिका दाखिल कर एक बार फिर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया । जिसमे राजकीय अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया की निस्तारण करने की प्रकृया चल रही है तथा प्रकरण की सुनवाई की तिथी 20 मार्च    निर्धारित की गयी । जिसे संज्ञान मे लेते हुए उच्च न्यायालय ने अपने 01 मार्च   को जारी आदेश मे निर्धारित तिथी 20 मार्च   से अधिकतम एक माह की समय सीमा बांधते हुए प्रकरण के निस्तारण का आदेश निर्गत किया है । न्यायालय का आदेश आते ही तहसील प्रशासन से लेकर कब्जेदार तक के हाथ पांव फूलने लगे है ।

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