प्रत्याशियों की हार जीत पर जमकर लगाते रहे दांव
https://www.shirazehind.com/2017/03/blog-post_485.html
जौनपुर। मतगणना के पूर्व विभिन्न चैनलों द्वारा एक्जिट पोल के रुझानों पर चर्चा से आम जनमानस में नई सरकार को लेकर उत्सुकता बढ़ी है। अभी तक प्रत्याशियों की हार जीत पर दांव लगाने वाले अब अमुक दल की सरकार व बहुमत को लेकर शर्त लगाते रहे।
जिले में मतदान के बाद प्रत्याशियों की हार जीत के आंकड़ों को लेकर कयासबाजी का दौर एक्जिट पोल के सर्वे के बाद भी थमता नजर नहीं आया । शुक्रवार को एक्जिट पोल के आंकड़ों पर भी लोग शर्त लगाते दिखे। कोई भाजपा को पूर्ण बहुमत पर शर्त लगा रहा था तो कहीं सपा बसपा गठबंधन को लेकर भी शर्तबाजी चलती दिखी। जगह-जगह लोग टीवी पर आ रहे आंकड़ों पर नजर लगाए थे तो कोई बहुमत वाली सरकार बनने पर मोटी रकम की शर्त रखा। कलेक्ट्रेट के एक चाय की दुकान पर बैठे दर्जनभर से ज्यादा लोग चुनावी आंकड़ों पर अपने-अपने दावे पेश कर रहे थे। यहां सरकार की नहीं बल्कि जिले के प्रत्याशियों की हार जीत का गुणाभाग हो रहा था। जिले की पांचों सीटों पर अलग-अलग तर्क देकर लोग पांच सौ और पांच हजार तक की शर्त लगा रहे थे। यहां बैठे एक व्यक्ति जिले में सपा को पांच सीटें मिलने पर एक हजार की शर्त लगा रहे थे। जबकि एक अन्य भाजपा को 6 सीटों पर बढ़त मिलने पर दो हजार की शर्त लगा रहे थे। रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित एक होटल पर भी जीत हार को लेकर चर्चा चल रही थी। यहां होटल मालिक से लेकर ग्राहक तक सपा, बसपा व भाजपा की सरकार बनने को लेकर दांव लगाते दिखे। एक दुकान पर एक्जिट पोल के रुझानों के बावजूद त्रिशंकु विधानसभा पर शर्त लगाई जा रही थी। सट्टा बाजार में भी सरगर्मी एग्जिट पोल आने के बाद तेज हो गई थी। कई लोग बड़े सट्टा बाजार में दांव लगाए थे। स्थानीय स्तर पर गुपचुप तरीके से खेल चल रहा है।
जिले में मतदान के बाद प्रत्याशियों की हार जीत के आंकड़ों को लेकर कयासबाजी का दौर एक्जिट पोल के सर्वे के बाद भी थमता नजर नहीं आया । शुक्रवार को एक्जिट पोल के आंकड़ों पर भी लोग शर्त लगाते दिखे। कोई भाजपा को पूर्ण बहुमत पर शर्त लगा रहा था तो कहीं सपा बसपा गठबंधन को लेकर भी शर्तबाजी चलती दिखी। जगह-जगह लोग टीवी पर आ रहे आंकड़ों पर नजर लगाए थे तो कोई बहुमत वाली सरकार बनने पर मोटी रकम की शर्त रखा। कलेक्ट्रेट के एक चाय की दुकान पर बैठे दर्जनभर से ज्यादा लोग चुनावी आंकड़ों पर अपने-अपने दावे पेश कर रहे थे। यहां सरकार की नहीं बल्कि जिले के प्रत्याशियों की हार जीत का गुणाभाग हो रहा था। जिले की पांचों सीटों पर अलग-अलग तर्क देकर लोग पांच सौ और पांच हजार तक की शर्त लगा रहे थे। यहां बैठे एक व्यक्ति जिले में सपा को पांच सीटें मिलने पर एक हजार की शर्त लगा रहे थे। जबकि एक अन्य भाजपा को 6 सीटों पर बढ़त मिलने पर दो हजार की शर्त लगा रहे थे। रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित एक होटल पर भी जीत हार को लेकर चर्चा चल रही थी। यहां होटल मालिक से लेकर ग्राहक तक सपा, बसपा व भाजपा की सरकार बनने को लेकर दांव लगाते दिखे। एक दुकान पर एक्जिट पोल के रुझानों के बावजूद त्रिशंकु विधानसभा पर शर्त लगाई जा रही थी। सट्टा बाजार में भी सरगर्मी एग्जिट पोल आने के बाद तेज हो गई थी। कई लोग बड़े सट्टा बाजार में दांव लगाए थे। स्थानीय स्तर पर गुपचुप तरीके से खेल चल रहा है।